छत्तीसगढ़ में मनरेगा कर्मचारियों का आंदोलन चल रहा है और सरकार के कान में जूँ तक नही रेंग रहा

रायपुर

पूरे प्रदेश में लगातार आंदोलन चल रहे है कही बलात आंदोलन दबाने की कोशिश चल रही है तो कही शासन सुनने तक को तैयार नहीं है। प्रदेश अध्यक्ष ने क्षुब्ध होकर छत्तीसगढ़ में जनता के साथ हो रहे धोका और अन्याय के लिए भाजपा और कांग्रेस सरकार दोनों की ही दोषी ठहराया है। उन्होंने कहा कि आदिवासी हो , मनरेगा मन हो, मितानिन हो , किसान हो , अनियमित कर्मचारी हो या बेरोजगार युवा सभी आज कांग्रेस शासन से त्रस्त है ।यही हाल भाजपा शासन काल में भी था तब झूठे वादे कर कांग्रेस सरकार में आई और सिवाय भ्रष्टाचार के और कुछ नही हो रहा है। हर तरफ आम जन त्राहि त्राहि कर आंदोलन कर रहा है और दबाव में शासन की दमनात्मक नीति से प्रताड़ित हो रहा है।

मनरेगा कर्मचारी पूरे प्रदेश में पिछले 20 दिनों से आंदोलन कर रहे है।जिस पर आम आदमी पार्टी के नेता प्रतिनिधि मंडल आंदोलन रत कर्मचारियों से मिलने जा रहे है और सहयोग देने और समर्थन दे रहे है।

उसी तरह प्रदेश व्यापी मितानिन आंदोलन भी आम आदमी पार्टी के पदाधिकारी जाकर समर्थन दे रहे है लेकिन इन आंदोलन कर रहे लोगों की कांग्रेस सरकार कोई सुध नहीं ले रही है और न ही अपने किए हुए वादे ही पूरे कर रही है। ये बहुत ही दुखद और अन्याय पूर्ण है।

आंदोलनरत अनियमित विद्युत कर्मचारी लाठी चार्ज के शिकार हुए जो बहुत दुखद है।

किसानों के नया रायपुर में पंडाल उठा दिए गए बिना किसी बातचीत या समाधान के ये भी कांग्रेस शासन का अशोभनीय कृत्य है।

आंदोलन रत मनरेगा कर्मचारियों के तरफ से प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी के नाम पर एक पत्र दिया गया है, जिस पर आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधि मंडल ने उंन्हे यह आश्वासन दिया है कि पार्टी चर्चा के बाद प्रदेश स्तर पर मामले को उठाने का प्रयास करेगी।

अंत में कोमल हुपेंडी ने कहा कि कांग्रेस की भूपेश सरकार आंदोलन रत लोगों की सुध ले और चुनाव से पहले किये अपने वादे पूरे करे। दमन चक्र चलाना बंद करे नही तो जनता इसका जवाब आम आदमी पार्टी को सहयोग कर आने वाले समय में जरूर देगी।

 

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