छत्तीसगढ़ी “बोली” भाषा में उपयोगी शब्द,
एक शब्द के दोहरे प्रयोग
बोटोर बोटोर – आंखें फाड़कर देखना
मुटुर मुटुर – असमंजस से देखना
मटर मटर – आगे आगे आना
छरके छरके – दूरी बनाना
कुटूर कुटूर – कड़ी चीज चबाना
खुटूर खुटूर – धीरे धीरे खखटाना
फुटूर फुटूर – धीरे धीरे गिरना
चुटुर चुटुर – अधिक बोलना
सुटूर सुटूर – खामोशी से चले जाना
ढकर ढकर – गटागट पीना
लकर लकर – अधिक मेहनत
धकर धकर – कमजोरी
हकर हकर – कड़ी मेहनत
फसर फसर – गहरी नींद के लिए
फुसुर फुसुर – कानाफूसी
मुसुर मुसुर – छुपाकर खाना
हुरहा हुरहा – अचानक – अचानक
ढोकर ढोकर के – दंडवत
खुड़ खुड़ ले – अच्छी तरह
से सूखने का भाव
ढेंक ढेंक के – आर्तनादपूर्ण रुदन, विलाप
महर महर – खुशबूदार
कोट कोट ले – भरपेट
मिलते जुलते दो शब्दों का प्रयोग
अलवा जलवा – साधारण
जांवर जिंयर – जुड़वा
सांगर मोंगर – हृष्ट – पुष्ट महिला
किलिर कालर – हल्ला – गुल्ला
खिबिड़ खाबड़ – झगड़ना
आका तुकी – अनफिट
खदर मसर – मिक्स कर देना
लकर धकर – जल्दबाजी
छिदिर बिदिर – बिखरा देना
छर्री दर्री – टुकड़े टुकड़े
ओनहा कोनहा – कोना – कोना
चितर काबर – रंग बिरंगा
फिसिर फासर – बीमार पड़ना
काँखत पादत – कष्ट से
हेल पेल – पर्याप्त जगह
दटटा खुट्टा – जगह की कमी
पेट अउ पाट – खाने और पहनने
झिलिंग झालंग – ढीला ढाला
चिट के न पोट के – बिल्कुल नही बोलना
मुरहा पोट्टा – लावारिस
बिना मां बाप का
छकल बकल – खुले हाथ खर्च करना
लदर फदर – मोटे होने का भाव
लंदर फंदर – तिकड़म
लाटा फान्दा – उलझन
हाड़ा हपटा – अत्यधिक कमाना
बांटा खूंटा – बंटवारा
गुड़ गुड़ा – सीधे पहुंचना
बाटे बाट – रास्ते से
चिक्कन चांदो – साफ सुथरा
जय भारत
जय छत्तीसगढ़