राजनांदगांव । बंसत शर्मा
छत्तीसगढ़ में 15 साल तक राज करने वाली भारतीय जनता पार्टी में अब पदाधिकारियों और संगठन के बीच तनातनी का माहौल देखने को मिल रहा है । संगठन से विपरीत जाकर काम करने वाले कुछ मोर्चा प्रकोष्ठों को नोटिस जारी किया गया और जवाब मांगा गया। लेकिन अपनी बात संगठन में रखने की बजाए, फेसबुक और सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकालते नजर आए।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गत दिनों संगठन के द्वारा रखे गए कार्यक्रम को अपने ढंग से चलाने और संगठन की बगैर अनुमति या सहमति के प्रकोष्ठ इकाई का गठन करने जैसी गतिविधियों के कारण कुछ लोगों को संगठन की ओर से सौगात नोटिस जारी किया गया था और जवाब मांगा तो गया था। लेकिन उक्त लोगों के द्वारा जवाब दिया गया है या नहीं इसका तो पता नहीं चल पाया। लेकिन झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ के संयोजक दीपक चौहान द्वारा अपने सोशल मीडिया में एक पोस्ट लिखा है। जिसमें उन्होंने कहा है कि …… अगर मेरी कार्य शैली या कार्य पद्धति पार्टी लाईन के बाहर है या मेरा कार्य आप लोगो को अच्छा नहीं लग रहा है तो मुझे तत्काल प्रभाव से पार्टी से हटा दिया जाए। ये नोटिस वोटिस से मै डरने वाला नहीं हूं मुझे पार्टी से निकाल दिया जाए ताकी मै मुक्त हो जाऊं, मुझे मालुम है मेरे को पचा पाना बहुत ही मुश्किल है।
सरकार(सत्ता) में मै किसी संगठन के पद में रहता तो मुझे ये लोग फांसी में टांग देते। चिंता मत करो ऊपर वाला देख रहा है। उसके यहां देर है अंधेर नहीं उसकी लाठी में आवाज नहीं होती है। मेरे लिए तो झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ का संयोजक बनना अपराध हो गया है। आप लोगो में दम है तो मुझे तत्काल पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाए। मै अपना स्वाभिमान बेचकर राजनीति नहीं कर सकता और ना ही झुकुंगा। फैसला आप लोगो के हाथो में और हां फैसला लेने में देरी मत करना।वर्ना अब इधर फैसला मै करूंगा।
इस तरह की पोस्ट से तो साफ नजर आ रहा है कि भाजपा संगठन की गाइडलाइंस का पालन नही किया जा रहा है या फिर संगठन से अलग हटकर अपनी मर्जी से काम किया जा रहा है। लेकिन जो भी हो भाजपा से सत्ता जाने के बाद संगठन की कुछ लोग नही सुनने रहे है या फिर यह कहा जाए कि राजनांदगांव में भाजपा संगठन में खुलकर गुटबाजी हावी नजर आ रही है।