बिलासपुर
बिलासपुर से रायपुर की दूरी करीबन 115 किलोमीटर है। आमतौर पर रायपुर जाने में दो से सवा दो घंटे का सफर तय करना पड़ता है। लेकिन एक मासूम बच्चे की जान बचाने के लिए पुलिस ने 115 किलोमीटर तक ग्रीन कारीडोर बनाया और वेंटिलेटर एंबुलेंस को महज 55 मिनट में रायपुर स्थित एम्स अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल पहुंचते ही बच्चे का उपचार भी शुरू हो गया। बिलासपुर पुलिस ने संवेदनशीलता का परिचय देते हुए मानवता की अनोखी मिसाल पेश की है।
कोरिया जिले के मनेंद्रगढ़ निवासी महिला कींतू बाई सिंह ठाकुर के चार वर्षीय बेटे गौरव सिंह की तबीयत खराब चल रही है। स्वजनों ने उन्हें यहां मध्यनगरी चौक स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। जांच में पता चला कि बालक को मस्तिष्क ज्वर है और उसकी स्थिति गंभीर है। इस बीच उसकी तबीयत बिगड?े लगी और उसे वेंटिलेटर की जरूरत पड़ गई। बच्चे की हालत देखकर डाक्टर ने उसे रायपुर स्थित एम्स अस्पताल ले जाने की सलाह दी। ऐसे में स्वजनों की चिंता बढ़ गई। परेशान स्वजनों ने अपने क्षेत्रीय नेताओं से मदद मांगी। फिर एम्स में शिफ्ट कराने की तैयारी शुरू की। लेकिन, वेंटिलेटर एंबुलेंस में बच्चे को कम समय में रायपुर पहुंचाने की चुनौती सामने आई। इस पर स्वजनों ने स्थानीय युवक धनंजय गोस्वामी के सहयोग से एसपी दीपक झा से मदद की गुहार लगाई। बच्चे की गंभीर हालत को देखकर एसपी झा ने गंभीरता दिखाई और ग्रीन कारीडोर बनाकर उसे एम्स पहुंचाने के निर्देश दिए।
इस पर एडिशनल एसपी सिटी उमेश कश्यप, ट्रैफिक डीएसपी रोहित बघेल सहित अधिकारियों ने रायपुर पुलिस से संपर्क किया और ग्रीन कारीडोर बनाकर सुबह 9 बजे एंबुलेंस से बच्चे को बिलासपुर से रायपुर शिफ्ट किया। पुलिस की इस सक्रियता के चलते महज 55 मिनट के भीतर एंबुलेंस को रायपुर स्थित एम्स अस्पताल पहुंचा दिया। एम्स पहुंचते ही बालक का उपचार भी शुरू हो गया है।