गंजबासौदा। गंजबासौदा के लाल पठार गांव में गुरुवार शाम को हुए हादसे के बाद खबर लिखे जाने तक तीन शव निकाले जा चुके हैं, जबकि एक दर्जन से ज्यादा लोगों के कुएं में डूबे होने की आशंका है। रेस्क्यू आॅपरेशन की गति धीमी होने के कारण घटना के कई घंटों बाद भी डूबे हुए सभी लोगों को नहीं निकाला जा सका है। मौके पर विदिशा जिले के प्रभारी मंत्री विश्वास सारंग सहित आला अफसर मौजूद हैं। वहीं मुख्यमंत्री और गृह मंत्री ने आज सुबह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए घटना स्थल का मुआयना कर रेस्क्यू आॅपरेशन तेज करने के निर्देश दिए हैं। घटना के बाद से ही लोगों को निकाले जाने का क्रम जारी है। रात तक कई लोगों को निकाल लिया गया था। आज सुबह तक तीन शव कुएं से बाहर निकले चुके हैं। खबर लिखे जाने तक गांव के 14 लोग लापता बताये जा रहे हैं, आशंका है कि यही लोग कुएं में डूबे हुए हैं। रेस्क्यू आॅपरेशन में इस वक्त तीन पोकलेन मशीन और दो जेसीबी मशीनें लगी हुई हैं। ड्रोन कैमरे से भी रेस्क्यू आॅपरेशन में मदद ली जा रही है। कुएं को चौड़ा करने का काम चल रहा है। वहीं कुएं में पानी कम होने में समय लग रहा है। बताया जाता है कि कुएं में पानी तेजी से आ रहा है।
मलबा गिरने से राहत कार्य में आ रही दिक्कत-सीएम
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि रात में 15 फिर 4 लोगों को निकाल लिया था। कुल 19 लोगों को निकाला गया है। तीन की मौत हुई है। मलबा बार बार गिरने से रेस्क्यू आॅपरेशन में दिक्कत आ रही है। बनारस ने एनडीआरएफ की टीम बुलाई है। उन्होंने रात में यहां पर काम कर रही टीम को रि-प्लेस किया है।
चौड़ा किया जा रहा है कुंआ
घटना के वक्त कुएं में करीब 25 फीट पानी भरा हुआ था। सुबह से कुएं को चौड़ा करने के काम में मशीने लगी हुई है, लेकिन मिट्टी बार-बार धसक जा रही है। इससे आॅपरेशन में दिक्कत आ रही है। मोटर से पानी निकाला जा रहा है। मशीनों के जरिये भी पानी निकालने का काम किया जा रहा है। गृह मंत्री नरोतम मिश्रा ने बताया कि मृतकों को पांच-पांच लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है। गांव वालों ने प्रशासन को सूचना देने में देरी की, उन्होंने सोचा की वे ही कर लेंगे। एसडीआरएफ-एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यू में जुटी हुई है।