रायपुर
विशेषज्ञों द्वारा कोरोना की तीसरी लहर की संभावाएं जताने के बाद इंडिया एस.एम.ई. फोरम और एम.एस.एम.ई. ने केंद्र और राज्य सरकारों से इस तीसरी लहर में सभी वस्तुओं की होम डिलवरी की अनुमति देने की मांग के साथ वेबीनार के माध्यम से होम डिलीवरी करने वाले कर्मचारियों को भी टीकाकरण अभियान में शामिल करने की मांग की।
राज्यों द्वारा गैर-जरुरी वस्तुओं की होम डिलीवरी पर लगाई गई पाबंदियां इन वस्तुओं का उत्पादन करने वाली एम.एस.एम.ई.ज के अस्तित्व को कायम रखने में बड़ी चुनौती बन रही हैं। पहली लहर से शिक्षा लेने के बाद जरुरी और गैर-जरुरी वस्तुओं का उत्पदान करने वाले दोनों तरह के ही लघु, छोटे और मध्यम उद्योगों को सहयोग देना और हर तरह की वस्तुओं को सप्लाई करने, वितरित करने और उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए ईकॉमर्स को सहयोग देना बहुत जरुरी है। इस दिशा में डिलीवरी करने वाले कर्मचारियों के टीकाकरण को प्राथमिकता देना भी उतना ही जरुरी है।
आई.एस.एफ. द्वारा दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, राजस्थान, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, आदि समेत 12 राज्यों से 900 से ज्यादा एम.एस.एम.ई. मेंबरों के साथ किए गए चुनाव से पता चला है कि उनमें से 90 फीसदी पूर्ण लॉकडाउन चाहते हैं, 86 फीसदी सभी तरह के उत्पादों की होम डिलीवरी चाहते हैं। राष्ट्रीय, क्षेत्रीय या स्थानीय लॉकडाउन के दौरान एम.एस.एम.ई.ज के कार्यों को चलता रखने के लिए जरुरी या गैर-जरुरी वस्तुओं की होम डिलीवरी की अनुमति होनी चाहिए, इससे एक संपर्क-रहत तरीके से लोगों की जरूरतें भी पूरी होती रहेंगी।
वेबीनार को संबोतिधक करते हुए छत्तीसगढ़ के वाणिज्य और उद्योग विभाग के संयुक्त सचिव अनुराग पांडे ने कहा कि लॉकडाउन को बाइनरी के तौर पर नहीं लेना चाहिए, इस परिवर्तनशील माहौल में तकनीकी विकास को एक विकल्प के तौर पर प्रयोग करना चाहिए। कई स्थानीय संघों के साथ हमारी चर्चा के आधार पर हमने छतीसगढ़ के छोटे, लघु और मध्यम उद्योगों को उपभोगताओं से जुड़े रहने और मानव संसाधन योजना की सलाह दी थी ताकि वह उपभोगताओं के साथ अपना रिश्ता बना कर रखें और राज्य के अंदर से ही लेबर फोर्स को सशक्त बनाएं। इसी दिशा में, छत्तीसगढ़ सरकार ने स्टेकहोल्डर इंगेजमेंट और वित्तीय नियोजन के महत्व पर जागरूकता फैलाई ताकि एम.एस.एम.ई. में मंदी, इनके ऋण और अग्रिम व्यवस्था का प्रबंध किया जा सके।
इंडिया एस.एम.ई. फोरम के अध्यक्ष विनोद कुमार ने जोर देकर कहा कि जनता की सुरक्षा के लिए राज्य सरकारों द्वारा जारी किए गए दिशा-निदेर्शों का पालन करना बहुत जरूरी है, लेकिन इसके साथ ही लॉकडाउन के दौरान लोगों की वास्तविक जरूरतों को पूरा करना और छोटे, लघु और मध्यम उद्योगों को अपनी जीविका कमाने में मदद करना भी बहुत जरूरी है। इसके लिए पहले कदम के तौर पर सरकार को लॉकडाउन के दौरान सभी वस्तुओं की होम डिलीवरी की अनुमति देनी चाहिए। सरकार को छोटे, लघु और मध्यम उद्योगों की कम से कम इतनी सहायता जरूर करनी चाहिए कि वह संपर्क-रहत तरीके से होम डिलीवरी के माध्यम से कार्य कर सकें, जैसे कि हाल ही में कर्नाटक सरकार ने किया था जिसमें ईकॉमर्स और होमडिलीवरी के माध्यम से सभी उत्पादों की डिलीवरी की अनुमति दे दी गई थी। इस मुश्किल समय में लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए और छोटे, लघु और मध्यम उद्योगों के कार्यों को चलता रखने के लिए ईकॉमर्स एक बेहतरीन विकल्प के तौर पर उभर कर सामने आया है। इस बात को ध्यान में रखते हुए, भारत में सभी फ्रंटएंड लोजिस्टिक्स और डिलीवरी कर्मचारियों के टीकाकरण को प्राथमिकता देना बेहद महत्वपूर्ण है, जैसे कि हाल ही में पंजाब सरकार ने किया है।