कोरोना से उबरने के बाद अगर नहीं लगवाया टीका तो बहुत भारी पड़ सकता है डेल्टा

 नई दिल्ली 
कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद टीका नहीं लगवाना बड़ी भूल साबित हो सकता है। ताजा शोध रिपोर्ट में दावा किया गया है कोरोना से उबरने के बाद टीका रहित लोगों के कोरोना के अल्फा वेरिएंट के मुकाबले डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित होने का खतरा चार गुना अधिक रहता है। नेचर जर्नल में प्रकाशित यह रिपोर्ट कोरोना से उबरे उन लोगों के भ्रम को दूर कर देती है, जो यह समझते हैं कि उन्हें टीका नहीं लगवाने के बावजूद अब जल्दी कोरोना संक्रमण नहीं होगा। विशेषज्ञों ने कोरोना से 12 महीने पहले संक्रमित पाए गए लोगों के सीरम के अध्ययन में पाया कि इनमें कोरोना के अल्फा वेरिएंट के मुकाबले डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ लड़ने की क्षमता चार गुना कम थी।

डेल्टा के खिलाफ दोनों खुराक जरूरी:
शोधकर्ताओं ने पाया की कोविशील्ड और फाइजर जैसे टीके की केवल एक खुराक डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ 10 फीसदी से ज्यादा प्रभावी नहीं हैं, इसलिए दोनों खुराक लेना जरूरी है। यह भी पाया गया कि जिन लोगों ने दोनों खुराक ली थी, उनमें से 95 फीसदी लोगों में डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ असरदार एंटीबॉडी मिली। ब्रिटेन में किए गए एक अन्य शोध में डेल्टा के खिलाफ फाइजर और बायोएनटेक के टीके की दोनों खुराक 80 फीसदी असरदार पाई गई, जबकि कोविशील्ड की दोनों खुराक का असर भी 60 फीसदी से अधिक था।

अल्फा, बीटा और डेल्टा का अध्ययन:
शोध के दौरान टीके की केवल एक खुराक लेने वालों के रक्त का नमूना लिया गया। इसके बाद इन नमूनों को कोरोना के अल्फा, बीटा और डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ परखा गया। अल्फा वेरिएंट सबसे पहले ब्रिटेन के केंट में, बीटा वेरिएंट दक्षिण अफ्रीका में और डेल्टा वेरिएंट सर्वप्रथम भारत में मिला था। अध्ययन में पाया गया एक खुराक से शरीर में पर्याप्त एंटीबॉडी नहीं बनतीं।