कोरिया की कंपनी के सहयोग से बीना रिफाइनरी के पास बनेगा स्थाई आॅक्सीजन प्लांट

भोपाल
 राज्य सरकार का फोकस अब प्रदेश में स्थाई आॅक्सीजन उत्पादन एवं बॉटलिंग संयंत्र लगाने का है। इसी कड़ी में बीना में भारत ओमान रिफायनरी के बाजू में कोरिया की कंपनी के सहयोग से राज्य सरकार 180 टन आॅक्सीजन गैस रोजाना उत्पादन करने का प्लांट शुरू करने जा रही है। इस प्लांट से रोज 18000 सिलेंडर आॅक्सीजन गैस मिल सकेगी, जिससे पूरे प्रदेश भर में भेजा जाएगा।

औद्योगिक निवेश एवं नीति प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव संजय शुक्ला बीना में शुरू होने वाले इस नए आॅक्सीजन बॉटलिंग प्लांट की तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगे हैं। गौरतलब है कि बीना में ही कोरोना मरीजो के उपचार के लिए 1000 बिस्तरों वाला एक अस्पताल भी बनाया जा रहा है। इस अस्पताल में रोजाना 8 से 10 टन आॅक्सीजन की खपत होगी। इस अस्पताल के लिए आॅक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने भारत ओमान रिफायनरी की बाउंड्री के बाहर की ओर 90- 90 टन के दो आॅक्सीजन बॉटलिंग प्लांट तैयार किए जा रहे हैं। कोरिया और भारत मिलकर इस प्लांट को तैयार करेंगे इस प्लांट को तैयार होने में 6 महीने का समय लगेगा। अस्पताल की आवश्यकता पूरी करने के बाद भी काफी आॅक्सीजन यहां तैयार होगी। रोजाना लगभग 18,000 जंबो आॅक्सीजन गैस सिलेंडर यहां भरे जा सकेंगे।

जो बॉटलिंग प्लांट लगने जा रहा है उससे पाइपलाइन के जरिए आॅक्सीजन गैस बाहर लाई जाएगी और जंबो सिलेंडरों को आॅक्सीजन से भर कर भेजा जाएगा। क्योंकि आॅक्सीजन निर्माण संयंत्र में आॅक्सीजन के निर्माण के दौरान दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है, इसलिए इस आॅक्सीजन बॉटलिंग प्लांट को भारत ओमान रिफाइनरी की बाउंड्री से बाहर की ओर बनाया जा रहा है।  यहां भरे जाने वाले जंबो गैस सिलेंडरों को प्रदेश भर में जहां भी जरूरत होगी वहां भेजा जाएगा।

कोरोना संक्रमण का दौर समाप्त होने के बाद भले ही को कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए खुलने वाला अस्पताल बंद हो जाए, यह आक्सीजन प्लांट निरंतर काम करता रहेगा। यहां से प्रदेश की औद्योगिक जरूरतों के लिए भी आॅक्सीजन भविष्य में दी जा सकेगी। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के अफसर सभी विभागों विभागों से टाई अप कर इस आॅक्सीजन संयंत्र को अंतिम रूप देने में लगे हैं।