कैट सी.जी. चैप्टर एवं छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड़ इण्ड़स्ट्रीज के द्वारा अमेजन के खिलाफ़ देशद्रोह का मुक़दमा और कपड़े एवं फ़ुटवियर पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाने के विरोध में 24 नवम्बर को धरना प्रदर्शन

रायपुर,

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू,   अमर गिदवानी,  प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन,  कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीड़िया प्रभारी संजय चौंबे ने बताया कि अमेजन के ई-कॉमर्स पोर्टल के ज़रिए बिके गाँजा एवं पुलवामा आतंकी हमले में उपयोग किए गए बमों के लिए अमोनियम नाईट्रेट भी अमेजन के ई-कॉमर्स पोर्टल के ज़रिए ख़रीदने पर तथा जीएसटी काउन्सिल द्वारा कपड़े एवं फ़ुटवियर पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाए जाने के विरोध में आगामी 24 नवम्बर को कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के आह्वान पर  पूरे प्रदेश सहित देश भर में विरोध धरने आयोजित होंगे। कैट की माँग है की अमेजन के हालिया मामले में इस कम्पनी के सम्बंधित अधिकारियों को तुरंत गिरफ़्तार किया जाए तथा पुलवामा के मामले में अमेजन पर देशद्रोह का मुक़दमा दर्ज किया जाए वहीं जीएसटी कांऊसिल द्वारा कपड़े एवं फ़ुटवियर पर लगे 12 प्रतिशत जीएसटी की दर को भी वापिस लिया जाए ।
कैट राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी ने कहा की नारकोटिक्स के संदेह के कारण हाल ही में आर्यन खान को गिरफ़्तार कर 23 दिन जेल में रखा गया लेकिन अमेजन के मामले में तो सबूत भी हैं और मध्य प्रदेश पुलिस ने अमेज़न के कार्यकारी निदेशकों को आरोपी भी बनाया है, इसलिए उनको तुरंत गिरफ़्तार किया जाए और पुलवामा मामले में अमेजन के खि़लाफ़ देशद्रोह का मुक़दमा दायर किया जाए। देश में क़ानून एक समान सब पर लागू होता है। उन्होंने कहा की यदि इस मामले में कोई व्यापारी होता तो अब तक कभी का उसको जेल में डाल दिया होता । इतने संगीन अपराध के होते हुए भी अभी तक अमेजन के किसी अधिकारी को गिरफ़्तार न किया जाना बेहद आश्चर्यजनक है। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले में दख़ल दे कर क़ानून का पालन करवाने की माँग की है ।
पारवानी एवं दोशी ने कहा की यह सर्वविदित है की रोटी, कपड़ा और मकान जीवन की मूल आवश्यकतॉए हैं । रोटी पहले से महँगी है, मकान बनाना बहुत मुश्किल है और अब सरकार ने कपड़ा एवं उससे जुड़े सभी कार्यों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाकर छोटे व्यापारियों की कमर तोड़ने का काम किया है । करोना के बाद किसी तरह से अब व्यापार पटरी पर लौट रहा था लेकिन 12 प्रतिशत जीएसटी लगने से छोटे व्यापारियों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा । उन्होंने कहा की कैट प्रदेश सहित पूरे देश में टेक्स्टाईल व्यापार संगठनों के  साथ इसके खिलाफ़ आंदोलन करेगा और इस वृद्धि को वापिस लेने की माँग करेगा ।
पारवानी एवं दोशी ने कहा की अब व्यापारियों के साथ लगातार हो रहे अन्याय को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और देश के व्यापारियों के हित में कोई भी कदम उठाने से कैट पीछे नहीं हटेगा । किसी भी राजनीतिक दल को व्यापारियों को अपनी सम्पत्ति मानने के ग़लतफ़हमी की दूर कर देना चाहिए । जो व्यापारी हित की बात करेगा , व्यापारी उसका ही साथ देंगे ।

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