केंद्र सरकार का दावा नहीं है ब्लैक फंगस की दवा की कमी 

नई दिल्ली
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को ब्लैक फंगस की दवा की कमी को लेकर केंद्र सरकार को फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि इसपर पहले से ही बहुत शोर है और यदि आप इसे नहीं सुनना चुनते हैं, तो यह आपकी पसंद है। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने उच्च न्यायायल में दावा किया कि ब्लैक फंगस यानी म्यूकोर माइकोसिस बीमारी के इलाज में काम आने वाल दवाओं में से एक एम्फोटेरिसिन बी. बाजार में आसानी से उपलब्ध है। सरकार के वकील के इस दावे पर उच्च न्यायालय ने काफी आश्चर्य व्यक्त किया। 

न्यायालय ने कहा कि यदि दवा बाजार में प्रचुर मात्रा में आसानी ने उपलब्ध होती तो इस बीमारी से इतनी मौतें नहीं होनी चाहिए थी। इस पर केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि लोग दवा की कमी से नहीं मर रहे हैं बल्कि ब्लैक फंगस बीमारी अपने आप में खतरनाक है। जस्टिस विपिन सांघी और जसमीत सिंह के समक्ष केंद्र सरकार की ओर से स्थाई अधिवक्ता कीर्तिमान सिंह ने कहा कि ‌ब्लैक फंगस से प्रभावित लगभग एक तिहाई मरीजों की मौत हो गई है। सिंह ने दावा किया कि वे लोग (ब्लैक फंगस के मरीज) दवाओं की कमी से नहीं मर रहे हैं अन्यथा बहुत शोर और अशांति होती। इस पर पीठ ने कहा कि ‘पहले से ही बहुत शोर है और यदि आप इसे नहीं सुनना चुनते हैं, तो यह आपकी पसंद है।'