कानपुर का ये ‘जगन्नाथ मंदिर हर साल बताता है मानसून का हाल

उत्तर प्रदेश का ये मंदिर देश में मानसून आने से पहले ही सूचित कर देता है कि कितनी और कब बारिश होगी।about jagannath temple in kanpur inside 4 1

प्राचीन भारत में ऐसे कई मस्जिद, चर्च और मंदिर का निर्माण हुआ जो आज भी लाखों भक्तों के लिए किसी रहस्यमयी धार्मिक स्थल से कम नहीं है। देश में ऐसे कई मंदिर भी मौजूद है, जो भविष्य से लेकर अतीत के पन्नों के बारे में बताते हैं। यहां तक कि देश में कब मानसून दस्तक देगी और कब नहीं। जी हां, यूपी के औद्योगिक नगरी कहे जाने वाले कानपुर शहर में एक ऐसा ही मंदिर है, जो ये बताता है कि देश और उत्तर प्रदेश में कब बारिश होगी और कब नहीं। इस मंदिर की छत से यहां के पुजारी अनुमान लगते हैं कि इस साल कितनी बारिश होगी। तो आइए मंदिर के इस चमत्कारी घटनाक्रम के बारे में और भी करीब से जानते हैं। interesting facts about jagannath temple in kanpur inside 2

उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर के भीतरगांव ब्लाक से लगभग तीस से चालीस किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है एक प्राचीन मंदिर, जिसका नाम है ‘जगन्नाथ मंदिर‘। इस मंदिर के बारे में बोला जाता है कि इस मंदिर की छत से टपकने वाली पानी की बूंदों से ये पता लगाया जाता है कि देश में कब और किस स्तर पर बारिश होगी। बारिश आने से 7 दिन पहले ही इस मंदिर की छत से अपने आप पानी टपकने लगता है। (मोटरसाइकिल की होती है पूजा इस मंदिर में) बूंदें अगर अधिक गिर रही है, तो ये कहा जाता है कि इस बार बारिश अच्छी होगी और बूंदें आराम-आराम से गिरे तो बारिश कम होगी।

जगन्नाथ मंदिर का रहस्य

इस रहस्यमयी मंदिर का निर्माण कब हुआ था इसका कोई सटीक प्रमाण किसी के पास नहीं नहीं है लेकिन, कई जानकारों का मानना है कि इस मंदिर का निर्माण 9वीं शताब्दी से लेकर 10वीं शताब्दी के बीच हुआ होगा। कई बार पुरातत्व विभाग ने इस रहस्यमयी तथ्य को सुलझाने की कोशिश की लेकिन, कहा जाता है कि कोई भी ये सटीक जानकारी नहीं दें सका कि आखिर क्यों मानसून से पहले ही छत से पानी की बूंदें टपकने लगती है। आपको बता दें कि उड़ीसा में जगन्नाथ मंदिर जैसी रथ यात्रा निकलती है ठीक वैसे ही यहां भी रथ यात्रा निकलती है।

बौद्ध स्तूप जैसा दिखता है जगन्नाथ मंदिर jagannath temple in kanpur inside 1

जी हां, ये मंदिर अंदर से कुछ और बाहर से एक विशाल बौद्ध स्तूप जैसा दिखता है। लेकिन, इस मंदिर के अंदर भगवान जगन्नाथ मंदिर की मुख्य प्रतिमा है। कहा जाता है कि मूर्ति से लेकर इस मंदिर का निर्माण नागर शैली में की गई है। हालांकि, आज के समय में मंदिर का कुछ हिस्सा खंडहर में तब्दील हो गया है, लेकिन आज भी इस मंदिर में पूजा-पाठ करने के लिए हर दिन हजारों भक्त आते हैं। इस ,मंदिर की दीवारें लगभग 14 फीट मोटी है।

 

पिछली बार कब टपकी थी पानी की बूंदें interesting facts about jagannath temple in kanpur inside 3

एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछली बार इस मंदिर में 26 मई से पानी का टपकना शुरू हुआ था। कई बार शहर में बारिश के चलते फसल का कोई नुकसान नहीं हो इसके लिए भी इस मंदिर में पूजा-पाठ की जाती है।जगन्नाथ मंदिर मंदिर की बूंदों से ही मानसून का आंकलन करके इस गांव के लोग फसल बुवाई की तैयारी भी करते थे।