कविताओं से गूँज उठा वृंदावन सभागृह वक्ता मंच की काव्य गोष्ठी में कवियों ने नव वर्ष का स्वागत लिया

रायपुर,

रविवार 8 जनवरी की शाम को नव वर्ष के स्वागत हेतु वक्ता मंच द्वारा वृंदावन सभागृह रायपुर में संपन्न काव्य गोष्ठी में 50 से अधिक कवियों ने अपनी कविताओं से शीतलहर के दौर में भी गर्माहट पैदा कर दी। “नव वर्ष तुम्हारा स्वागत है” विषय पर संपन्न काव्य गोष्ठी में कविताओं से वृंदावन सभागृह गुंजायमान हो गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पं.सुंदरलाल शर्मा राज्य स्तरीय सम्मान प्राप्त कवि मीर अली “मीर” थे। अध्यक्षता वरिष्ठ समाज सेवी छत्रसिंह बच्छावत ने की। विशिष्ट अतिथि की आसंदी पर मुकेश गुप्ता, शुभा शुक्ला ‘निशा’, सुनीता पाठक “सत्या” एवं डाॅ राम कुमार बेहार विराजमान थे। कार्यक्रम का प्रभावी संचालन वक्ता मंच के अध्यक्ष राजेश पराते द्वारा किया गया। काव्य गोष्ठी का संयोजन शुभम साहू द्वारा किया गया। भारत माता की तस्वीर पर माल्यार्पण के साथ कार्यक्रम का आरंभ हुआ। आयोजन के दौरान साहित्यांजलि प्रभा पत्रिका के डाॅ रामकुमार बेहार पर केंद्रित विशेषांक का विमोचन किया गया। वक्ता मंच द्वारा जरूरतमंदों हेतु जारी गर्म वस्त्र वितरण कार्य हेतु कवियों ने वस्त्र एवं आर्थिक अनुदान के रूप में सहयोग भी प्रदान किया। काव्य गोष्ठी की प्रमुख प्रस्तुतियां इस प्रकार रही:-

छत्रसिंह बच्छावत:-

हम सभी ने होते देखे कितने ही नव वर्ष पुराने, 

करें कल्पना नव वर्ष में आयेंगे दिन बड़े सुहाने। 

 राजकुमार मसंद “राज”:-

जहर से अब भर गया है आदमी

आदमी को डस रहा है आदमी

आदमियत खो चुका है आदमी

आदमी का मर गया है आदमी। 

राजा राम ‘रसिक’:-

माता कौशल्या के कोरा मं

श्री राम के अगोरा मं

दमकत हे मोर छत्तीसगढ़

धान के कटोरा मं। 

मीर अली’ मीर’:-

पथ पर काँटे न हो तो

जीवन का आनंद कहाँ

खो जायेगी मानवता

पीड़ा के अभाव में। 

योगिता साहू ‘फुलकईना नोनी’:-

का लिखव ये नया साल मा

सब कुछ जुन्ना जुन्ना हे

लिखहू कथो रे दिल की बात

यहू तो सुन्ना सुन्ना हे। 

राजकुमार निषाद “राज”:-

सबके जीवन में हो खुशियों का डेरा

लेकर आये यह वर्ष एक नया सवेरा

नव वर्ष का मंगल गीत मिलकर गाये

इस पावन बेला की शुभकामनायें। 

राजेंद्र ” रायपुरी “:-

नव वर्ष तुम्हारी जय हो

जब आये हो तो कुछ दे जाना

दुख दर्द सभी के ले जाना

माहौल बना दो तुम ऐसा

जिसमें न कोई भय हो। 

विनीता झा:-

नव वर्ष की नई सुबह पर

आओ कुछ नया लिख जाये

बीत गया जो उसे भूला के

आओ नया इतिहास बनाये। 

शुभा शुक्ला ‘निशा’:-

नई दिशाये नये लक्ष्य जो जीवन में अपनाता है

सही मायने में नव वर्ष उसी के लिये आता है। 

मुकेश गुप्ता:-

शब्दों का यह अनोखा संसार है

कविता तो कवि का पहला पहला प्यार है

अक्षरों से सजा इसका घर द्वार है

कविता लाती जीवन में एक नई बहार है। 

शोभा देवी शर्मा:-

नये वर्ष में नई पहल हो

कठिन जिंदगी और सरल हो

अनसुलझी जो रही पहेली

अब शायद उसका भी हल हो। 

अर्चना दीक्षित:-

रोने के बहाने तो बहुत मिलेंगे, आईये आज हँसने के बहाने ढूंढते है

दूसरों में कमियाँ तो दिख जाती है, आज अपनी कमियाँ भी ढूंढ लेते है। 

वक्ता मंच की इस मासिक काव्य गोष्ठी में रायपुर, भिलाई, कुरुद, सिमगा, बालोद , सारागाँव, सरोरा, डूंडा सहित राजधानी के आसपास के क्षेत्रों से कविगण उपस्थित हुए थे। गोष्ठी में शिवानी मैत्रा, भूपेंद्र कुमार शर्मा, नरेंद्र साहू ‘पार्थ’, राजेश पराते, शुभम साहू, कुलदीप सिंह चंदेल, हरिशंकर सोनी, छत्रसिंह बच्छावत, मीर अली ‘मीर’, राजेश कुमार निषाद, नुपूर कुमार साहू, योगिता साहू, जागेंद्र सिन्हा, राजकुमार निषाद, दुष्यंत साहू, मन्नूलाल यदु,सुनीता पाठक ‘सत्या’, गोपाल सोलंकी, तेजपाल सोनी, राजकुमार मसंद ‘राज’, मुकुंद श्रीधर शिलेदार, राजाराम रसिक, मो. हुसैन, सत्येंद्र कुमार तिवारी’ सकुति’, समीर ठाकुर, खेमराज साहू, जितेंद्र देवांगन, शोभा देवी शर्मा, प्रगति पराते, भूपेश कुमार साहू’ पथिक’, राजेंद्र रायपुरी, मुकेश गुप्ता, रत्ना पांडेय, शुभा शुक्ला ‘निशा’, कुमार जगदलवी, राजू छत्तीसगढिया, ज्योति सोनी, संजय देवांगन, उर्मिला देवी, यशवंत यदु ‘यश’, प्रीतिरानी तिवारी, शिव सोनी, अर्चना दीक्षित, विनीता झा, छबिलाल सोनी, डॉ आरती उपाध्याय, पुष्पराज केशरवानी, भूपेंद्र देवांगन, सफदर अली ‘सफदर’, प्रतीक कश्यप, महेश कुमार पिथालिया, जे पी दुबे, सावन ठाकरे, कल्पेश कोटक, खुमान सिंह भाट, गोल्डन साहू, वीर अजीत शर्मा तथा मधुकर राव ढोक ने अपनी कविताएँ सुनाई। शुभम साहू द्वारा प्रस्तुत आभार प्रदर्शन के साथ यह काव्य गोष्ठी संपन्न हुई।

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