रायपुर। कुलदीप शुक्ला
छत्तीसगढ़ की दो राज्यसभा सीटों पर उत्तर प्रदेश और बिहार की राजनैतिक पृष्ठभूमि से आए लोगों को राज्यसभा का टिकट मिलने के मसले पर चौतरफ़ा हाहाकार मचा रखा है सीएम के छत्तीसगढ़ियावादको चोट है, सीएम की नजरिया से सब ठीक है, लेकिन जनता की नजरिया से ये फैसला कहीं कांग्रेस को पीछे ना ढकेल दे।
प्रदेश की कांग्रेस सरकार और संगठन पर नव संकल्प चिंतन शिविर में कार्यकर्ताओं के आक्रोश की सामने आया । छत्तीसगढ़ियावाद के को लेकर चली मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की प्रचारित प्रसारित छवि पर राज्यसभा टिकट के फ़ैसले ने विपक्ष और जनता को करारा हमला करने का मौक़ा दिया है। लेकिन नव संकल्प चिंतन शिविर के अंतिम दिन इस मसले पर मंच से हुई भाषाण ने बताया है कि कार्यकर्ताओं में इस फ़ैसले के प्रति ज़बर्दस्त ग़ुस्सा है, लेकिन नव संकल्प चिंतन शिविर में यह बात आई । 02 दिवसीय चिंतन शिविर का आज अंतिम दिन था और इस शिविर में मंच से वरिष्ठ नेता जो कि इन दिनों एक बोर्ड के चेयरमेन हैं, उन्होंने राज्यसभा के लिए आयातित प्रत्याशियों का मुद्दा उठाया और कहा कि
“ ऐसा फैसला हैरान करने वाला है, कार्यकर्ता ना केवल इस फ़ैसले से बल्कि उम्मीदवार पर भी हैरान हैं। हम सभी कार्यकर्ता राज्य के 90 सीटों में सत्तर सीटें इकहत्तर सीटें जीतते हैं, पूरी ताक़त झोंकते हैं, रात दिन संघर्ष करते हैं, क्या ऐसे फैसलों के लिए ? एक तरफ़ छत्तीसगढ़ के कार्यकर्ता हैं जो सत्तर इकहत्तर सीटें जीता रहे हैं, और दूसरी तरफ़ वे लोग राज्यसभा के पात्र बन रहे हैं जिनके प्रदेश से कुल दो विधायक जीत पाए हैं ”
- इस राज्य से तीन लोग को राज्यसभा की पात्रता कैसे ?
- क्या ‘एक व्यक्ति-एक पद’ पर अमल हो रहा है ?