कड़ी प्रतिस्पर्धा में ‘शंकर दादाजी’ प्रथम व विजयलक्ष्मी ‘विभा’ द्वितीय विजेता

इंदौर,

साहित्यिक संस्था हिंदीभाषा डॉट कॉम द्वारा ‘गणतंत्र दिवस’ पर आयोजित आभासी काव्य गोष्ठी का बहुप्रतीक्षित परिणाम घोषित कर दिया गया है। इसमें पहले विजेता बनने का गौरव शंकरलाल जांगिड़( रावतसर,राजस्थान) ‘शंकर दादाजी’ ने पाया है तो प्रयागराज (उप्र) से वरिष्ठ रचनाशिल्पी विजयलक्ष्मी ‘विभा’ को दूसरा स्थान मिला है।
राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय साहित्यकार डॉ. रामनिवास ‘मानव’ (हरियाणा) के मुख्य आतिथ्य में ‘मेरा देश महान’ विषय पर यह शानदार गरिमामयी गोष्ठी २६ जनवरी को आभासी रूप में कराई गई थी।

वरिष्ठ लघुकथाकार मुकेश तिवारी (इंदौर,मप्र) की अध्यक्षता में इस गोष्ठी में करीब ५९ रचनाशिल्पियों ने देशभक्ति वाली ओजस्वी रचनाएँ प्रस्तुत की थी। इनके मूल्यांकन पश्चात परिणाम घोषित करने की जानकारी पोर्टल के संस्थापक-सम्पादक अजय जैन ‘विकल्प’ और सह-सम्पादक श्रीमती अर्चना जैन ने दी। श्रीमती जैन ने बताया कि, साढ़े ३ घंटे तक एक से बढ़कर एक रचना प्रस्तुति वाली इस गोष्ठी में ५ विजेता चुनने की कड़ी में तृतीय स्थान डॉ.आशा गुप्ता ‘श्रेया'(झारखण्ड), चौथा प्रो.मुकुट अग्रवाल(हरियाणा)एवं पांचवा स्थान डॉ. प्रो. शरद नारायण खरे (मप्र) ने प्राप्त किया है।

श्रीमती जैन के अथक प्रयास से सफल इस गोष्ठी में विजेता बने सभी रचनाशिल्पियों को सरंक्षक डॉ. अशोक जी (बिहार), मार्गदर्शक डॉ. एम.एल. गुप्ता (महाराष्ट्र),गोष्ठी संयोजक श्रीमती ममता तिवारी ‘ममता’ व संयोजक सम्पादक डॉ. सोनाली नरगुंदे ने अपार शुभकामना और बधाई दी है।

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