कक्षा दूसरी से आठवीं के बच्चों का परफॉर्मेंस जांचेगी सरकार

भोपाल
प्रदेश के स्कूलों में कोविड महामारी की परिस्थितियों में बच्चों के सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में अवरोध से हुए लर्निंग लॉस का सटीक आंकलन करने राज्य सरकार बेसलाईन टेस्ट कराएगी।

प्रदेश के चयनित शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में कक्षा दो से आठ तक पढ़ने वाले बच्चों का बेसलाईन टेस्ट लिया जाएगा। यह परीक्षण शिक्षकों के परफारमेंस अथवा विद्यालयों की उपलब्धि की जांच के लिए नहीं बल्कि एक शोध अध्ययन की प्रक्रिया अंतर्गत किया जा रहा है।  टेस्ट के लिए  23 से 28 अगस्त के बीच राज्य द्वारा उपलब्ध कराए गए बेसलाईन टूल्स और प्रपत्रों के अनुसार फील्ड इन्वेस्टिगेटर सर्वे करेंगे।  कक्षा दो से आठ के बच्चों के लिए उनके लर्निंग आउटकम्स पर आधारित टेस्ट होगा। इसके लिए हिंदी,अंग्रेजी एवं गणित विषय की एक बुकलेट तैयार की गई है जिसमें से सवाल पूछे जाएंगे। प्रश्नों का स्वरुप बहुविकल्पीय होगा और एमसीक्यू लिखित होगा।

हर कक्षा के बच्चे से 45 सवाल पूछे जाएंगे। इनमें हिंदी , अंग्रेजी और गणित के पंद्रह-पंद्रह सवाल होंगे।बच्चे जिस कक्षा में अध्ययन कर रहे है उसके मुख्य लर्निग आउटकम्स जो उस कक्षा का प्रतिनिधित्व करते है उनसे जुड़े सवाल होंगे। अध्ययनरत कक्षा स ेपूर्व की दो कक्षाओं के लर्निंग आउटकम्स भी टेस्ट में शामिल रहेंगे।  इससे यह पता लगाया जा सकेगा कि वर्तमान में विद्यार्थियों के सीखने का सही स्तर क्या है कितना लर्निंग लॉस हुआ है। इसके जरिए शिक्षण प्रक्रियाओं में इस लर्निंग लॉस की पूर्ति की जाएगी।

बेसलाईन टेस्ट राज्य स्तर से चयनित सैंपल शालाओं में होगा। बेसलाईन टेस्ट हेतु प्रत्येक संभाग में एक जिले के दो-दो ब्लॉक को राज्य स्तर से चयनित किया जाएगा। स्कूलों का चयन में दस संभागों के दस जिलों से दो-दो ब्लॉक तय किए गए है।  जिले की ब्लॉकवार सूची जिला प्रोग्रामर राज्य शिक्षा केन्द्र उपलब्ध कराएंगे। प्रति कक्षा न्यूनतम आठ और अधिकतम बीस बच्चों का रेंडम आधार पर चयन कर उनसे सर्वे में बात की जाएगी। बीएड, डीएलएड के प्रशिक्षु छात्र, शिक्षक, जिले के एनजीओ पार्टनर, वालेंटियर, मेंटर और वे शालाएं जो सेम्पल शाला में चयनित नहीं होंगी उनके शिक्षक अन्वेषक बनकर सर्वे करेंगे।