उपचुनाव में बीजेपी ने लहराया परचम … आजमगढ़ से दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ रामपुर से घनश्याम लोधी चुनाव जीते,

रामपुर लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) उम्मीदवार की हार के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां ने रविवार को दावा किया कि कोई अंतरराष्ट्रीय संस्था ईमानदारी से चुनाव कराए और अगर उनका उम्मीदवार हार जाए, तो वह राजनीति छोड़ देंगे।

लखनऊ.

उत्तर प्रदेश की उपचुनाव में बीजेपी ने अपना परचम लहराया आजमगढ़ लोकसभा,’रामपुर संसदीय सीट पर जीत हासिल की । आजमगढ़ से बीजेपी के दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ चुनाव जीत गए हैं और सपा के धमेंद्र यादव 10 हजार वोटों से चुनाव हार गए हैं। चुनाव में जीत हासिल करने के बाद निरहुआ ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘जनता की जीत! आजमगढ़वासियों आपने कमाल कर दिया है। यह आपकी जीत है। उपचुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही जिस तरीके से आप सबने भाजपा को प्यार, समर्थन और आशीर्वाद दिया, यह उसकी जीत है। यह जीत आपके भरोसे और देवतुल्य कार्यकर्ताओं की मेहनत को समर्पित है।

‘रामपुर संसदीय सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार घनश्याम लोधी ने 42,000 से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की है।

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ सपा नेता आजम खान के बेहद करीबी माने जाने वाले सपा उम्मीदवार मोहम्मद आसिम राजा को इस सीट से हार का सामना करना पड़ा है। रामपुर में हार को लेकर जब सपा नेता आजम खान से सवाल किया गया तो वह भड़क गए। आजम ने कहा कि ये चुनाव था ही कहां? इसे ना आप चुनाव कह सकते हैं और ना ही चुनावी नतीजे कह सकते हैं।

उपचुनाव में सपा और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर

आजमगढ़ में जब नतीजे आना शुरु हुए तो बीजेपी और सपा के बीच कड़ी टक्कर दिखाई दी। सपा कैंडीडेट धमेंद्र यादव ने निरहुआ को कड़ी टक्कर दी। हालांकि बसपा के गुड्‌डू जमाली भी बाकी कैंडीडेट्स को टक्कर देते दिखे और तीसरे स्थान पर रहे। बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां से अखिलेश यादव करीब 60 % वोट प्रतिशत पर अपना कब्जा जमा चुके थे। ऐसे में ये चुनाव सपा के लिए चिंता का विषय है। जबकि पिछले चुनाव में निरहुआ को केवल 35 % वोट मिले थे और इस बार उन्होंने चुनाव जीत लिया।

“सपा उम्मीदवार हार जाए, तो वह राजनीति छोड़ दूंगा”

रामपुर लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) उम्मीदवार की हार के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक आजम खां ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भाजपा ने सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करके रामपुर की जनता की जीत को हार में बदल दिया। आजम ने रविवार को दावा किया कि कोई अंतरराष्ट्रीय संस्था ईमानदारी से चुनाव कराए और अगर उनका उम्मीदवार हार जाए, तो वह राजनीति छोड़ देंगे। आजम ने रामपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा प्रत्याशी आसिम राजा की भाजपा उम्मीदवार घनश्याम लोधी के हाथों 42 हजार से अधिक मतों से हार हुई है।

“रामपुर की जनता की जीत को हार में बदला”

रामपुर लोकसभा उपचुनाव के नतीजों के बाद संवाददाताओं से बातचीत में आजम खान ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भाजपा ने सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करके रामपुर की जनता की जीत को हार में बदल दिया। उन्होंने रामपुर में भाजपा प्रत्याशी की जीत को लोकतंत्र की हार करार देते हुए कहा “बहुत अच्छी बात है, वह (भाजपा) जीत गए, लेकिन यह जीत नहीं है उनकी। इसी तरह तो उन्होंने उत्तर प्रदेश की सरकार भी बना ली है और मैं शर्म व एहसास दिलाना चाहूंगा उन तमाम ताकतों को, जो लोकतंत्र को कमजोर कर रही हैं, अपने छोटे-छोटे फायदों के लिए।”

पिछले चुनाव में अखिलेश ने किया था मायावती के साथ गठबंधन

पिछले चुनाव में अखिलेश यादव ने मायावती के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा था। ऐसे में अखिलेश की जीत का प्रतिशत पिछले चुनाव में काफी बड़ा था। लेकिन इस बार के चुनाव में बीएसपी ने अपना अलग कैंडीडेट खड़ा किया, जिससे सपा और बसपा के वोट प्रतिशत पर भी असर पड़ा है। जहां एक तरफ बसपा पहले से काफी मजबूत स्थिति में दिखी, वहीं सपा के लिए ये चिंतन का समय है। इसके अलावा बीजेपी के लिए ये उपचुनाव काफी फायदेमंद साबित हुए है क्योंकि उसने रामपुर और आजमगढ़, दोनों जगह कमल खिला दिया है।

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