लखनऊ
कोडीन और फार्मा ओपीआइड आधारित दवाओं के दुरुपयोग को करोने के लिए राज्य सरकार कड़े कदम उठाएगी। कोडीन और फार्मा ओपीआइड दवाएं जैसे ट्रेमडोल के दुरुपयोग को करोने के लिए मई महीने में राज्य में गहन अभियान चलेगा। यह भी फैसला लिया गया है कि राज्य में विशेष एंटी नारकोटिक्स फोर्स का गठन किया जाए।
उपरोक्त फैसले बुधवार को मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित राज्य नार्को समन्वय केंद्र की राज्य स्तरीय कमेटी की पहली बैठक में लिए गए। इस बैठक में एनडीपीएस नीति और ड्रग कानून प्रवर्तन एजेंसियों के संचालन संबंधी मुद्दों पर चर्चा की गई।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि कोडीन आधारित खांसी की दवाई, फार्मा ओपीआइड जैसे ट्रेमडोल के दुरुपयोग की निगरानी और विनियमन की सुदृढ़ व्यवस्था की जाए। जनपद के डीएम व एसपी द्वारा इस मुद्दे पर नियमित बैठकें की जाएं। भारत सरकार से वित्तीय सहायता के प्रस्तावों को राज्य के संबंधित विभाग द्वारा आगे बढ़ाया जाए।
इस बैठक में यह फैसला लिया गया कि गृह विभाग के अन्तर्गत विशेष एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया जाए। एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के निर्माण से संबंधित मुद्दे, राज्य में सभी दवा कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रशिक्षण को बढ़ाने, राज्य में फोरेंसिक क्षमता को बढ़ाने, नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध खेती/तस्करी की रोकथाम हेतु विशेष कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए गए।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के उपमहानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह ने ड्रग लॉ फ्रेमवर्क पर एक प्रस्तुतिकरण दिया। बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय भूसरेड्डी सहित पुलिस, डीआरआई, सीमा शुल्क, एफएसडीए, एसएफएसएल, एसएसबी और आरपीएफ के अन्य शीर्ष वरिष्ठ अधिकारीगण आदि भी उपस्थित थे।