देहरादून
उत्तराखंड में पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के चलते प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने आगामी राज्य के अधिकांश जनपदों पहाड़ से लेकर मैदान पर भारी बारिश ,आंधी तूफान ,ओलावृष्टि और बिजली गिरने को लेकर अलर्ट जारी किया है। विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड में आज कहीं कहीं ओलावृष्टि और 70 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तूफान की संभावना जताई है राज्य में कहीं कहीं बिजली गर्जन के साथ तीव्र बौछार की भी संभावना है। जिसको लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया। इसके अलावा पहाड़ से लेकर मैदान तक ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
#WATCH | Uttarakhand | Kedarnath Yatra stopped at Sonprayag due to heavy rains & snowfall.
Helicopter services from Phata and Gaurikund remain temporarily suspended, says Rudraprayag Circle Officer Pramod Ghildiyal pic.twitter.com/oRXpmxgRCx
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 24, 2022
24 मई को राज्य के देहरादून ,टिहरी ,उत्तरकाशी ,बागेश्वर नै,नीताल ,पिथौरागढ़ में भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है बारिश के साथ पर्वतीय इलाकों में ओलावृष्टि व बिजली गिरने के साथ ही 60 से 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं भी चल सकती हैं।वहीं, मैैदानी इलाकों में 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी चलने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह के मुताबिक मंगलवार तक मैैदान से लेकर पहाड़ तक तेज हवाओं के साथ बारिश के आसार है।कुछ इलाकों में 60 से 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।
मौसम के बदले मिजाज के चलते 36 घंटे से बंद यमुनोत्री मार्ग में फंसे हजारों तीर्थ यात्रियों का हौंसला जवाब देने लगा है। यमुनोत्री हाईवे पर तीन दिनों तक बड़े वाहनों की आवाजाही बंद होने से तकरीबन 12 हजार यात्री फंसे हुए हैं। यमुनोत्री धाम के प्रमुख पड़ाव जानकीचट्टी में फंसे यात्रियों ने पुलिस प्रशासन और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए कहा कि हमें पूछा नहीं जा रहा है न ही हमें यहां से अन्य जगह के लिए निकाला जा रहा है।
बीते बुधवार को यमुनोत्री धाम से करीब 18 किमी पहले स्यानाचट्टी और रानाचट्टी के बीच यमुनोत्री हाईवे की दीवार धंस गई थी। इससे हाईवे का करीब 15 मीटर हिस्सा धंस गया था। किसी तरह इसे आवाजाही लायक बनाया गया, लेकिन हाईवे के फिर धंसने से बड़े वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद हो गई है। शुक्रवार सुबह इस हिस्से में बस ने निकलने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद प्रशासन ने अगले तीन दिनों के लिए बड़े वाहनों की आवाजाही रोक दी है। शनिवार सुबह से प्रशासन जानकीचट्टी में फंसे वाहनों को निकालने में जुटा है। पर लोगों का सब्र का बांध टूट रहा है। यहां जानकीचट्टी में फंसे यात्री यमुनोत्री प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी और विरोध प्रदर्शन शुरू कर चुके हैं और एक कार्य अधिकारी का घेराव भी किया है।