इजरायल को अपनी सुरक्षा करने का पूरा हक-जो बाइडेन

वॉशिंगटन

इजरायल की सेना और हमास के बीच जारी संघर्ष को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का अहम बयान आया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस संघर्ष को लेकर कहा है कि इजरायल को अपनी सुरक्षा करने का पूरा हक है। गजा पट्टी और इजरायल के बीच 2014 के बाद सबसे ज्यादा संघर्ष छिड़ गया है। जो बाइडेन ने वाइट हाउस में मीडिया से बात करते हुए कहा, 'मेरी उम्मीद है कि यह संघर्ष जल्दी ही समाप्त हो जाएगा।' इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'इजरायल को अपनी रक्षा करने का हक है, जब आपकी सीमा में हजारों की संख्या में रॉकेट उड़कर आ रहे हों।'

इजरायल और हमास में छिड़े संघर्ष को समाप्त करने के लिए अमेरिका ने मिस्र और कतर में अपने राजनयिकों को भेजा है ताकि गतिरोध को समाप्त किया जा सके। बीते कई दिनों से इजरायल पर हमास की ओर से रॉकेटों से हमले किए जा रहे हैं, जबकि इजरायल ने भी करारा जवाब देते हुए एयर स्ट्राइक्स की हैं। दोनों ओर से किए गए हमलों में अब तक करीब 60 लोगों की मौत हो चुकी है। सोमवार शाम से शुरू हुई हिंसा में अब तक 60 से ज्यादा फलीस्तीनी मारे गए हैं, जबकि 6 इजरायलियों की भी मौत हुई है। बुधवार शाम को भी हमास  की ओर से लगातार तेल अवीव में रॉकेटों के जरिए हमले किए गए। तेल अवीव को आर्थिक दृष्टि से इजरायल के लिए अहम माना जाता है।

इस बीच इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतान्याहू ने कहा कि हमास को इस आक्रामकता की भारी कीमत चुकानी होगी। इजरायल ने हमास को जवाब देते हुए गजा पट्टी में कई इमारतों पर हमले किए हैं। वीडियोज में ये इमारतें भरभरा कर गिरती दिखी हैं। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने बुधवार को कतर के विदेश मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी से बातचीत की। इसके अलावा अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकेन ने फलीस्तीन  के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से बात की है। इससे पहले उन्होंने नेतान्याहू से बात की थी और कहा था अब इलाके में शांति को फिर से कायम किए जाने की जरूरत है।

इजरायल ने चेताया, अभी तो यह शुरुआत है
इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतान्याहू ने हमास को चेतावनी देते हुए कहा है कि अभी तो यह शुरुआत है। नेतान्याहू ने कहा, 'अभी तो यह शुरुआत है।' उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में हमास के कुछ और सीनियर कमांडर्स को भी टारगेट किया जा सकता है। इजरायल और हमास के बीच छिड़ी जंग को लेकर दुनिया भी बंटी हुई दिख रही है। एक तरफ ईरान समेत कई इस्लामिक देशों ने इजरायल की निंदा की है तो दूसरी तरफ अमेरिका ने उसका समर्थन किया है।

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