भोपाल
जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने बताया कि इंदौर के माँ अहिल्या देवी कोविड केयर सेंटर में एक बार में 1200 मरीजों को रखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में यहाँ 600 बिस्तरों के एक ब्लॉक को मात्र 6 दिन में तैयार किया गया था। वहीं 600 बिस्तरों के दूसरे ब्लॉक को रिकॉर्ड मात्र 3 दिनों में तैयार किया गया है। सिलावट ने बताया कि अब तक यहां 1590 मरीजों का उपचार किया गया है। जिनमें से 729 मरीज स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। स्वस्थ हुए सभी लोग इंदौर की जनता के लिए रोल मॉडल बनेंगे और अपने आस-पास के क्षेत्र के लोगों को कोरोना से बचाव और उससे लड़ने के लिए आवश्यक जानकारी भी देंगे। इसके साथ ही कोविड केयर सेंटर में अपनाई गई दिनचर्या को साझा कर परिवार और समाज को स्वस्थ रहना भी सिखाएंगे।
प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट ने इंदौर के राधास्वामी सत्संग परिसर में बनाए गए देश के दूसरे और प्रदेश के सबसे बड़े देवी अहिल्या कोविड केयर सेंटर का मीडिया कर्मियों को अवलोकन कराया। उन्होंने बताया है कि यहाँ सुविधाओं में निरंतर इज़ाफ़ा हो रहा है। यहाँ ऑक्सीजन प्लांट भी प्रारंभ हो रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय को देखते हुए इस सेंटर को सतत् क्रियाशील रखा जाएगा।
राज्य आपदा प्रबंधन समिति के सदस्य डॉ. निशांत खरे ने बताया कि इस कोविड केयर सेंटर को पूरी तरह से जन-सहयोग से तैयार किया गया है। सिर्फ स्टाफ और अन्य सुविधाओं पर ही राज्य सरकार को खर्च करना पड़ रहा है। कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि इस कोविड केयर सेंटर को तैयार करने में जन-सहयोग से राशि प्राप्त हुई है। उक्त राशि विभिन्न सामाजिक और अन्य संस्थाओं द्वारा दान की गई है।
कोरोना संक्रमण मरीज़ों ने कोविड केयर सेंटर की व्यवस्थाओं को सराहा
इस कोविड केयर सेंटर में उपचार करा रहे मरीजों ने यहाँ की व्यवस्थाओं की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यहाँ सेवा दे रहे नर्स, डॉक्टर और अन्य स्टाफ अपने जीवन को दांव पर लगाकर हमारे लिए काम कर रहे हैं। वहीं इस सेंटर की चिकित्सीय सुविधाएँ देख रहे डॉ. अमित मालाकार ने बताया कि इस केंद्र में ऐसे लोग आते हैं, जिनके घरों में होम आइसोलेशन संभव नहीं होता है। इस कोविड सेंटर में 100 नर्स और 50 ड्यूटी डॉक्टर सेवाएँ दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि यहाँ बनाए गए विशेष कंट्रोल रूम से सारी व्यवस्थाओं पर नजर रखी जाती है।