आरक्षण व धर्मांतरण के मुद्दे पर भूपेश सरकार के खिलाफ भाजपा ने हल्ला बोला

रायपुर।

  • अंबेडकर चौक पर विशाल धरना
  • मिशनरी का चंदा खाकर धर्मांतरण को बढ़ावा
  • आदिवासी सहित सर्व वर्ग का आरक्षण कांग्रेस ने छीना

आरक्षण के समर्थन और धर्मांतरण के विरोध में राजधानी के अंबेडकर चौक पर आयोजित धरने में भाजपा नेताओं, सांसदों, विधायकों ने छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को  आरक्षण विरोधी और धर्मांतरण की हिमायती बताते हुए जोरदार हमला बोला। धरने को संबोधित करते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव  ने कहा कि जो लोग ओबीसी और फिर आदिवासी आरक्षण के खिलाफ कोर्ट गए, भूपेश बघेल सरकार उन्हें पुरस्कृत कर रही है। इससे इस सरकार की असलियत पहले ही सामने आ चुकी है।

उन्होंने कहा सरकार ने पूरा प्रशासनिक तंत्र लगा कर जन अधिकार रैली का आयोजन किया लेकिन पूरी कुर्सी खाली रही, छत्तीसगढ़ की जनता ने उनको नकार दिया। भूपेश बघेल और उनकी पार्टी का दोहरा चरित्र है कि वे खुद जनता का अधिकार छीनते हैं और तथाकथित जन अधिकार रैली के बहाने संविधान विरोधी, संवैधानिक पद  विरोधी मार्च निकालते हैं।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि जनता यह इतिहास कैसे भुल सकती है कि  कांग्रेस ने संविधान निर्माता बाबा साहब अंबेडकर को धन बल लगाकर  चुनाव में हरवाया था। साव ने कहा कि भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ का माहौल खराब करने की कितनी भी कोशिश कर लें, छत्तीसगढ़ के लोगों का आपसी प्यार और छत्तीसगढ़ महतारी की माटी की ताकत उनके मंसूबे सफल नहीं होने देंगे और साथ ही हम छत्तीसगढ़ की जनता के हक में  भूपेश सरकार के जनविरोधी नीति का  सामना करेंगे।

पूर्व मुख्यमंत्री तथा भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि आज सड़क पर हम इसलिए बैठे हैं क्योंकि भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ को छला है। आरक्षण पर तथ्यों को तोड़ मोड़ कर प्रस्तुत किया है। ऐसा  विधेयक पेश किया है कि असंवैधानिक होने के कारण संवैधानिक दिक्कतों में फंस गया है।

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि भूपेश बघेल संवैधानिक पदों का अपमान कर रहे हैं। आज छत्तीसगढ़ आरक्षण ही नहीं, धर्मांतरण के नाम से भी उद्वेलित है। चंगाई सभा के नाम से होने वाले आयोजनों में आदिवासियों को धर्मांतरण के जाल में फंसाया जा रहा है। दुर्भाग्य की बात है कि जिनके ऊपर आदिवासी संरक्षण की जिम्मेदारी है, वही आदिवासी अस्मिता का हरण करा रहे हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि हम लोकतांत्रिक तरीके से सदन के अंदर और सदन के बाहर अपनी बात रख रहे हैं। लेकिन भूपेश बघेल सरकार आरक्षण और धर्मांतरण पर राजनीति कर रही है।

नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने भूपेश बघेल सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि ये सरकार जनता की हताशा की जिम्मेदार है। हाईकोर्ट के आदेश के 70 दिन बाद तक इन्होंने आरक्षण पर ध्यान नहीं दिया। उप चुनाव आते ही आधा अधूरा विधेयक लेकर आये।  ये संविधान के खिलाफ सत्ता का दुरुपयोग कर कलेक्टर एसपी सहित पूरा प्रशासनिक तंत्र झोककर  असफल प्रदर्शन करते हैं.

नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि मुख्यमंत्री राज्यपाल पर भाजपा के दबाव में काम करने का आरोप लगाते हैं। वे यह भूल जाते हैं कि उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ राज्यपाल ने ही दिलवाई थी। अगर उन्हें राज्यपाल महोदया पर विश्वास नहीं था तो वे उनसे शपथ लेने के बजाय अपनी सोनिया जी या राहुल जी से शपथ ले लेते।

पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने भूपेश बघेल सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि संविधान की शपथ लेकर भूपेश बघेल संविधान का ही अपमान कर रहे हैं।  पूरा प्रदेश आरक्षण और धर्मांतरण की आग में जल रहा है। भूपेश सरकार याद रखे कि वह स्वयं इस आग में भस्म हो जाएगी।  उन्होंने कहा कि जहां धर्मांतरण होता है, वहां देश विरोधी शक्तियां सक्रिय हो जाती हैं।  शांत आदिवासी समाज आज सड़कों पर हैं। कांग्रेस याद रखे कि जब ये निकल पड़ते हैं तो अन्याय का वध करके ही लौटते हैं। इनकी ताकत के आगे आततायी रावण नहीं टीका तो भूपेश सरकार की हैसियत ही क्या है।  उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि आदिवासी वर्ग सहित सभी वर्ग को उचित आरक्षण मिले। सरकार ने 4 वर्ष में कोर्ट में क्या प्रयास किया, सरकार इस पर श्वेत पत्र जारी करे।

पूर्व मंत्री व प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता अजय चंद्राकर ने संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस आरक्षण के मामले में झूठ बोल रही है। आदिवासी आरक्षण में कटौती के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है। षड्यंत्र रचा और आदिवासियों का आरक्षण छीना। चंद्राकर ने कहा कि वर्ष 2012 से 2018 तक भाजपा सरकार में न्यायालय में मात्र 1 पेशी हुई जबकि 2018 के बाद न्यायालय में 14 पेशी  हुई जहा इन्होंने  आरक्षण पर शासन का पक्ष सही ढंग से नहीं रखा । जिसके कारण आरक्षण रद्द हुआ और ये कहते हैं कि हमने पक्ष नहीं रखा।  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अगर आप विधानसभा को बड़ा मानते हैं तो सदन में क्वांटिफायबल डाटा आयोग की रिपोर्ट क्यों नहीं रखे। सिर्फ भूपेश बघेल की हठ धर्मिता के कारण विधानसभा में गतिरोध चलता रहा और विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई.

पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि हमारी केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ की 12 जातियों की मात्रात्मक त्रुटि सु धारकर अनुसूचित जनजाति वर्ग में जोड़ा।  जबकि भूपेश बघेल के विधेयक में तथ्यों के अभाव में राज्यपाल का हस्ताक्षर नहीं हुआ है।  अभी यह विधेयक कानून नहीं बना है और ये असंवैधानिक रूप से संकल्प लाते है कि इसे नवमी अनुसूची में जोड़ा जाए।

पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने धर्मांतरण के मुद्दे पर कांग्रेस की सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि ये सरकार मिशनरी के लिए रेड कार्पेट बिछाती है और आदिवासी संस्कृति के रक्षक पर गैर जमानती धारा लगती है। 60 से ज्यादा शिकायत 3 माह में नारायणपुर में हुईं। वे रद्दी की टोकरी में डाल दी जाती हैं। बघेल सरकार मिशनरियों का चंदा खा रही है। बघेल सरकार मिशनरी विरोधियों पर जो डंडे मार रही है वह डंडा भाजपा पर नहीं, आदिवासियों की सभ्यता और संस्कृति पर है।

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि कल कांग्रेस ने जो प्रदर्शन किया, वह उसके लिए गले की हड्डी बन गया है। कल जनता ने दिखा दिया कि वह कांग्रेस के झूठ के साथ नहीं है। कांग्रेस ने 70 समाज के समर्थन का झूठा दावा किया था और 7 समाज भी उनके प्रदर्शन में नहीं पहुंचे। उन्होंने कहा आज भूपेश बघेल को बताना पड़ेगा की उस क्वांटिफायबल डाटा आयोग की रिपोर्ट में ऐसा क्या है, जो वह छुपा रही है।

पूर्व नेता प्रतिपक्ष नन्द कुमार साय  ने कहा कि छत्तीसगढ़ में केवल आदिवासी समाज ही नहीं, अपितु अन्य समाज का धर्मांतरण बहुत तेजी से किया जा रहा है। यह सरकार छत्तीसगढ़ की मूल संस्कृति को नष्ट कर देना चाहती है। उन्होंने कहा कि आदिवासी कमीशन में एक पास्टर को सदस्य बनाया गया है। उन्हें बढ़ावा देकर धर्मांतरण का खेल खेलने का प्रयास  भूपेश बघेल सरकार कर रही है। यह सरकार अपने निजी हित संरक्षण के लिए किसी भी स्तर तक जा सकती है।

रायपुर सांसद सुनील सोनी ने अपने संबोधन में कहा कि धर्मांतरण केवल अंदरूनी क्षेत्रों में नहीं अपितु शहरी क्षेत्रों में भी हो रहा है। लोग अभी रायपुर के पुरानी बस्ती थाने की घटना भूले नहीं हैं। जहां मिशनरियों ने कहा था कि हम धर्मांतरण करेंगे हमें कोई नहीं रोक सकता और यह सरकार उन पर कोई कार्रवाई नहीं की थी। उन्होंने कहा अगर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ईमानदारी से काम करना चाहते हैं तो उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीख लेना चाहिए, जो छत्तीसगढ़ की 12 जनजातियों को मुख्यधारा में लाए हैं।

पूर्व मंत्री व भाजपा प्रवक्ता कृष्ण मूर्ति बांधी ने कहा की इनसे प्रदेश का कोई वर्ग खुश नहीं है । भूपेश सरकार ने अनुसूचित जाति व आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग का आरक्षण कम कर दिया जिन्हें देने का ढोंग करते हैं उन्हें भी इन्होंने ठगा।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व विधायक रंजना साहू ने कहा कि छोटे छोटे राजनीतिक लालच और हड़बड़ी में भूपेश बघेल ने आरक्षण के मसले पर प्रदेश के युवाओं का बड़ा नुकसान कर दिया। धरना के पश्चात समस्त सांसद, विधायक, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, भाजपा प्रदेश पदाधिकारी व कार्यकर्ता गण मुख्यमंत्री निवास घेरने निकले।

धरना का संचालन प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता ने किया। धरने में  सांसद संतोष पांडेय, सांसद विजय बघेल, गुहाराम अजगले, पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर, पुन्नूलाल मोहले, शिवरतन शर्मा,  विधायक सौरभ सिंह, रजनीश सिंह, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पाण्डेय, पूर्व सांसद विक्रम उसेंडी, पूर्व मंत्री महेश गागड़ा, श्रीमती रमशीला साहू, दयालदास बघेल, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता राजेश मूणत, जिलाध्यक्ष रायपुर शहर जयंती पटेल, अभिनेष कश्यप नरेश गुप्ता,रजनीश शुक्ला, अनुराग अग्रवाल, दीपक म्हस्के, नलिनीश ठोकने, अशोक बजाज, किशोर महानंद,मीनल चौबे, विकास मरकाम, डॉ. सलीम राज, पूनम चंद्राकर, श्रीमती लक्ष्मी वर्मा, लाभचंद बाफना, सच्चिदानंद उपासने, रमेश ठाकुर, संजू नारायण, अकबर अली, अवधेश चंदेल, गोविंदा गुप्ता, सीमा साहू, सुनील चौधरी अमरजीत छाबड़ा,सहित  सांसद, पूर्व सांसद, विधायक, पूर्व विधायक ,पार्टी पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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