अफगान के पूर्व राजदूत ने खोली पोल- भारत से भिड़ने के लिए पाक ने ही दिया तालिबान को जन्म

 नई दिल्ली 
आतंक को लेकर अकसर ही पाकिस्तान बेनकाब होता रहा है। एक बार फिर ऐसा ही कुछ हुआ है। दरअसल, अफगानिस्तान के एक पूर्व राजदूत ने पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ का हवाला देते हुए कहा है कि भारत का मुकाबला करने के प्रयास में पाकिस्तान ने तालिबान को जन्म दिया था। अफगानिस्तान के पूर्व उप विदेश मंत्री और संयुक्त राष्ट्र और ऑस्ट्रेलिया में राजदूत महमूद सैकल ने शनिवार को ट्वीट किया, "मुशर्रफ के अनुसार, पाकिस्तान ने तालिबान को भारत के खिलाफ कार्रवाई का मुकाबला करने के लिए जन्म दिया था। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का मानना ​​​​है कि तालिबान ने गुलामी की बेड़ियां तोड़ दी हैं। पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और पाकिस्तान के एनएसए मोइद यूसुफ वर्तमान में तालिबान से जुड़ने के लिए दुनिया की पैरवी करने में व्यस्त हैं।"

सैकाल ने "द सन इन द स्काई: पाकिस्तान के आईएसआई और अफगान विद्रोहियों के बीच संबंध" शीर्षक वाले एक पेपर का भी जिक्र किया, जिसे मैट वाल्डमैन कैर सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स पॉलिसी केनेडी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा तैयार किया गया था।

पूर्व अफगान दूत ने बाद के एक ट्वीट में कहा, "केवल दबाव/मंजूरी की नीति और पाकिस्तान के साथ शर्त-आधारित तालमेल अफगानिस्तान में वास्तविक सकारात्मक बदलाव ला सकता है और अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रख सकता है।" सैकाल ने यह भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र की एक ताजा रिपोर्ट आईएसआईएल-के, तालिबान और अल-कायदा के बीच सहजीवी संबंध स्थापित करती है। संयुक्त राष्ट्र ने विश्लेषणात्मक सहायता और प्रतिबंध निगरानी टीम की अपनी नवीनतम 12वीं रिपोर्ट में कहा कि अल-कायदा के नेतृत्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा के साथ-साथ अफगानिस्तान और पाकिस्तान सीमा क्षेत्र में रहता है। बड़ी संख्या में अल-कायदा लड़ाके और तालिबान से जुड़े अन्य विदेशी चरमपंथी तत्व अफगानिस्तान के विभिन्न हिस्सों में स्थित हैं। माना जाता है कि समूह का नेता, ऐमान मोहम्मद रबी अल-जवाहिरी, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्र में कहीं स्थित हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि खराब स्वास्थ्य के कारण उसकी मृत्यु की पिछली रिपोर्टों की पुष्टि नहीं हुई है।

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