बाढ़ प्रभावित मांदर में सहकारी बैंक की खास पहल

Relief Work at Flood Effected Places
Relief Work at Flood Effected Places

रायपुर: Relief Work at Flood Effected Places: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय पिछले दिनों बस्तर संभाग के बाढ़ प्रभावित जिलों का हवाई एवं जमीनी निरीक्षण करते हुए बाढ़ प्रभावित परिवारों को प्रशासन की ओर से किए जा रहे राहत एवं पुर्नवास कार्यों की प्रगति की जानकारी लेते हुए बाढ़ प्रभावित परिवारों को सभी स्तरों पर संवेदनशीलता एवं तत्परता से प्रशासनिक मदद दिए जाने के निर्देश दिए गए थे। मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुपालन में अतिवृष्टि से प्रभावित गाँव मांदर के ग्रामीणों को बड़ी राहत मिली है।

कलेक्टर बस्तर एवं जिला सहकारी केंद्रीय बैंक जगदलपुर के प्राधिकृत अधिकारी हरिस एस के द्वारा शाखा लोहंडीगुड़ा और आदिम जाति सेवा सहकारी समिति अलनार ने बाढ़ पीड़ितों को उनके जरूरी दस्तावेज और पैसों तक पहुंचने में मदद की है।

Relief Work at Flood Effected Places: बाढ़ पीड़ितों को मिली बड़ी मदद

बाढ़ के कारण मांदर गाँव के कई घरों का घरेलू सामान बह गया था, जिसमें ग्रामीणों के महत्वपूर्ण दस्तावेज भी शामिल थे। इन दस्तावेजों में आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड और बैंक पासबुक जैसी चीजें शामिल थीं, जिनके बिना सरकारी योजनाओं और बैंक सेवाओं का लाभ उठाना मुश्किल हो रहा था।

पासबुक और माइक्रो एटीएम से हुआ भुगतान

Relief Work at Flood Effected Places: ग्रामीणों की इस समस्या को देखते हुए कलेक्टर एवं जिला सहकारी केंद्रीय बैंक जगदलपुर के प्राधिकृत अधिकारी के द्वारा जिला सहकारी केंद्रीय बैंक लोहंडीगुड़ा ने गाँव में ही नवीन बैंक पासबुक का वितरण किया गया। इसके साथ ही आदिम जाति सेवा सहकारी समिति अलनार ने माइक्रो एटीएम मशीन की व्यवस्था की है। इसके माध्यम से जिन किसानों के पास एटीएम कार्ड था, उन्हें तत्काल उनकी जरूरत के अनुसार नकदी का भुगतान किया जा रहा है।

किसानों को मिली खेती के लिए राहत

Relief Work at Flood Effected Places: इस पहल से सबसे अधिक फायदा उन ग्रामीण परिवारों को हुआ है, जिनकी खेती-किसानी के लिए पैसे निकालने की सख्त जरूरत थी। नई पासबुक मिलने से वे अब अपने बैंक खाते से आसानी से रकम निकाल सकते हैं, जिससे उन्हें अपनी फसल और खेती से जुड़े कार्यों को फिर से शुरू करने में मदद मिलेगी।

इस मुश्किल घड़ी में बैंक और समिति द्वारा किए गए इस प्रयास ने ग्रामीणों को एक बड़ा सहारा दिया है, जिससे वे अपनी जिंदगी को पटरी पर लाने की कोशिश कर सकें।