प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी : नारी शक्ति के मन में ‘किंतु-परंतु’ का युग खत्म हो चुका है और उन्हें जितनी सुविधाएं दी जाएंगी, वे उतना ही सामर्थ्य दिखाएंगी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी : नारी शक्ति के मन में ‘किंतु-परंतु’ का युग खत्म हो चुका है और उन्हें जितनी सुविधाएं दी जाएंगी, वे उतना ही सामर्थ्य दिखाएंगी
नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि आज की नारी शक्ति के मन में ‘किंतु-परंतु’ का युग खत्म हो चुका है और उन्हें जितनी सुविधाएं दी जाएंगी, वे उतना ही सामर्थ्य दिखाएंगी। नए संसद भवन में राज्यसभा की कार्यवाही आरंभ होने के बाद अपने पहले संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने यह बात कही। उन्होंने लोकसभा में महिला आरक्षण संबंधी विधेयक पेश किए जाने का उल्लेख करते हुए सदन के सदस्यों से इसे सर्वसम्मति से पारित किए जाने का अनुरोध किया।
उन्होंने यह भरोसा जताया कि देश जब आजादी की 100वीं वर्षगांठ मनाएगा तो वह ‘विकसित भारत’ होगा। उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि पुराने संसद भवन में भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना और नए संसद भवन में वह दुनिया की तीन शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होगा।
मोदी ने कहा, ‘‘नया संसद भवन सिर्फ एक नयी इमारत नहीं है बल्कि एक नयी शुरुआत का प्रतीक भी है। अमृत काल की शुरुआत में ही इस भवन का निर्माण होना और हम सब का प्रवेश होना अपने आप में हमारे देश के 140 करोड़ नागरिकों की आशाओं और आकांक्षाओं में एक नई ऊर्जा भरने वाला बनेगा। नई आशा और विश्वास पैदा करने वाला बनेगा।’’
प्रधानमंत्री ने लोकसभा में महिला आरक्षण से संबंधित नारी शक्ति वंदन विधेयक पेश किए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि नए संसद भवन में एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक फैसला लिया गया है और महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में एक अत्यंत महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का प्रयास जीवन जीने की सुगमता और जीवन जीने की गुणवत्ता में सुधार का रहा है और जब यह बात की जाती है तो उसकी पहली हकदार महिलाएं होती हैं।
मोदी ने कहा, ‘‘नारी शक्ति के मन में आज किंतु-परंतु का युग खत्म हो चुका है। हम उन्हें जितनी सुविधा देंगे, हमारी बहनें और बेटियां उतना ही अपना सामर्थ्य दिखाएंगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए नारी शक्ति वंदन विधेयक संविधान संशोधन के रूप में सरकार लोकसभा में लेकर आई है। कल लोकसभा में इस पर चर्चा होगी और उसके बाद यह राज्यसभा में आएगा। मैं आज राज्यसभा के सभी साथियों से आग्रह करने आया हूं कि जब भी यह विधेयक हमारे सामने आए, तो आप सब सर्वसम्मति से उस पर निर्णय करें।’’
नारी सशक्तीकरण की दिशा में केंद्र सरकार की ओर से उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत महिला सशक्तीकरण से महिला नीत विकास की ओर बढ़ा है और अब जी20 के माध्यम से दुनिया भर में पहुंचा है।
भाषा
नरेंद्र मोदी सरकार ने मंगलवार को नए संसद भवन की लोकसभा में नया महिला आरक्षण बिल पेश किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, “महिला आरक्षण बिल पर काफी चर्चा हुई है, बहुत वाद-विवाद भी हुए हैं. अटल बिहारी वाजपेई के शासनकाल में कई बार महिला आरक्षण बिल पेश किया गया लेकिन बिल को पारित कराने के लिए पर्याप्त बहुमत नहीं था और इस कारण यह सपना अधूरा रह गया. ईश्वर ने शायद ऐसे कई कामों के लिए मुझे चुना है. कल ही कैबिनेट में महिला आरक्षण बिल को मंजूरी दी गई है. आज महिलाएं हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही हैं. हमारी सरकार आज दोनों सदनों में महिलाओं की भागीदारी पर एक नया बिल ला रही है.”
केंद्रीय कानून मंत्री ने बिल पेश किया
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने नए संसद भवन में लोकसभा की पहली बैठक में यह बिल पेश किया.
अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित होने के बाद लोकसभा में महिलाओं की सीटों की संख्या 181 हो जाएगी.
सदन में विधेयक को पारित करने के लिए चर्चा कल, 20 सितंबर को की जाएगी. सरकारी सूत्रों ने कहा कि विधेयक को 21 सितंबर को राज्यसभा में पेश किया जाएगा.
इससे पहले नए संसद भवन में लोकसभा में अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ यह सुनिश्चित करेगा कि अधिक महिलाएं संसद और राज्य विधानसभाओं की सदस्य बनें.
महिला आरक्षण विधेयक, जो लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की गारंटी देता है, केंद्रीय कानून मंत्री द्वारा 128वें संवैधानिक संशोधन विधेयक के रूप में पेश किया गया था.
महिला आरक्षण विधेयक 2010 में पहले ही पारित हो चुका था
इस मुद्दे पर राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे बोले कि, “वे हमें श्रेय नहीं देते लेकिन मैं उनके ध्यान में लाना चाहता हूं कि महिला आरक्षण विधेयक 2010 में पहले ही पारित हो चुका था लेकिन इसे रोक दिया गया था.”
उन्होंने आगे कहा, “अनुसूचित जाति की महिलाओं की साक्षरता दर कम है और यही कारण है कि राजनीतिक दलों को कमजोर महिलाओं को चुनने की आदत है और वे उन लोगों को नहीं चुनते जो शिक्षित हैं और लड़ सकती है.”
इस दौरान मल्लिकार्जुन खरगे के बयान पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “हम विपक्ष के नेता का सम्मान करते हैं लेकिन यह व्यापक बयान देना कि सभी पार्टियां उन महिलाओं को चुनती हैं जो प्रभावी नहीं हैं, बिल्कुल अस्वीकार्य है. प्रधानमंत्री जी, हम सभी को हमारी पार्टी ने सशक्त बनाया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक सशक्त महिला हैं.”
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ”पिछड़े, एसटी की महिलाओं को ऐसे मौके नहीं मिलते जो उन्हें मिल रहे हैं, हम ये कह रहे हैं.”
यह नए संसद भवन में निचले सदन द्वारा उठाया गया दिन का पहला एजेंडा था.
संसद का पांच दिवसीय विशेष सत्र सोमवार को शुरू हुआ.
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