राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु का अंबिकापुर में आत्मीय स्वागत

President Smt. Murmu
President Smt. Murmu

अम्बिकापुर: President Smt. Murmu at Ambikapur:जनजातीय गौरव दिवस के समापन/मुख्य कार्यक्रम में भाग लेने हेतु महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु आज सुबह अंबिकापुर पहुँचीं। उनका हेलीकॉप्टर गांधी स्टेडियम हेलीपैड पर उतरा, जहाँ पर राज्यपाल रमेन डेका ने पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका आत्मीय स्वागत किया। इस स्वागत समारोह में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी उपस्थित रहे।

President Smt. Murmu at Ambikapur: आगमन और स्वागत का क्रम

राष्ट्रपति का हेलीपैड पर आगमन निर्धारित कार्यक्रमानुसार हुआ—हेलीकॉप्टर गांधी स्टेडियम हेलीपैड पर उतरा और वहां मौजूद नागरिक, अधिकारी तथा प्रतिनिधि मंडल ने उन्हें पुष्पगुच्छ व सम्मान के साथ अभिवादन किया। राज्यपाल रमेन डेका ने राष्ट्रपति को औपचारिक रूप से स्वागत करते हुए राज्य की ओर से हार्दिक अभिनंदन किया।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी स्वागत समारोह में शिरकत करके कार्यक्रम की शुभांकों के संदेश दिए। कार्यक्रम के बाद राष्ट्रपति मंत्री, जनप्रतिनिधियों और जनजातीय समुदायों के नेता-प्रमुखों से मिलने पीजी कॉलेज मैदान की ओर भेजी गई कार्यक्रम स्थल पर गईं।

मुख्य कार्यक्रम — जनजातीय गौरव दिवस

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आज के जनजातीय गौरव दिवस  के कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं। कार्यक्रम का आयोजन पीजी कॉलेज मैदान में किया गया जहाँ जनजातीय नृत्य और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ हुईं।

मंच समारोह में राष्ट्रपति ने कार्यक्रम का उद्घाटन/समापन या विशेष भागीदारी के रूप में जनजातीय समुदायों के प्रति समर्थन और सम्मान व्यक्त किया। समारोह के दौरान कुछ जनजातीय नेतृत्वों, स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े परिवारों और स्थानीय संस्कृति के संगठनों का सम्मान भी किया गया।

योजनाओं का शुभारंभ और कार्यक्रम के विशिष्ट अंश

सूचना के अनुसार राष्ट्रपति मुर्मू ने मंच से मुख्यमंत्री जनजातीय ग्राम अखरा विकास योजना जैसी प्रावधानों/योजनाओं का शुभारंभ/समर्थन किया — जिनका उद्देश्य स्थानीय आदिवासी समुदायों के विकास, सांस्कृतिक संरक्षण और आजीविका सशक्तिकरण से जुड़ा है। साथ ही कार्यक्रम में जनजातीय कला, लोक नृत्य और सांस्कृतिक प्रदर्शनों को विशेष स्थान मिला।

सुरक्षा एवं व्यवस्थाएँ

राष्ट्रपति के आगमन और कार्यक्रम की सुरक्षा व सुचारू संचालन के लिए स्थानीय प्रशासन ने बड़े पैमाने पर व्यवस्था की—रिपोर्ट्स के अनुसार सुरक्षा कर्मियों की सौ से अधिक संख्या नहीं बल्कि हजारों में तैनाती, मार्गों को सील करना तथा एसपीजी सहित अन्य सुरक्षा एजेंसियों का समन्वय सुनिश्चित किया गया था ताकि कार्यक्रम सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से संपन्न हो सके।

कार्यक्रम का सामाजिक—ऐतिहासिक महत्व

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का यह दौरा सरगुजा/अंबिकापुर क्षेत्र के लिए विशेष महत्व रखता है—यह क्षेत्र जनजातीय संस्कृति का केंद्र माना जाता है और देश के पहले आदिवासी/जनजातीय राष्ट्रपति का यहाँ आगमन समुदाय में गर्व और उत्साह का कारण बना। इस प्रकार के कार्यक्रम स्थानीय परंपराओं और कलाओं को राष्ट्रीय मंच पर मान्यता देने का भी अवसर होते हैं।

समापन और आगे का कार्यक्रम

स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार राष्ट्रपति कार्यक्रम के बाद निर्धारित समयानुसार अंबिकापुर से प्रस्थान करेंगी/स्थानिक गतिविधियाँ संक्षिप्त रहेंगी; कार्यक्रम के मिनट-टू-मिनट शेड्यूल और अन्य तकनीकी विवरण प्रशासन द्वारा जारी किए गए थे।

 

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