NMDC : एनएमडीसी का पारदर्शिता हेतु प्रौद्योगिकी के उपयोग का समर्थन

हैदराबाद,

एनएमडीसी ने आज मुख्‍यालय,हैदराबादमें डॉ प्रवीण कुमारी सिंह, आईएएस, अपर सचिव, केंद्रीय सतर्कता आयोग का स्वागत किया। केंद्रीय सतर्कता आयोग के निदेशों के अनुसार नवरत्न सार्वजनिक उपक्रम 26.10.2021 से 01.11.2021 तक सतर्कता जागरूकता सप्ताह – 2021 (वीएडब्‍ल्‍यू-2021) का आयोजन कर रहा है।

डॉ प्रवीण कुमारी ने ‘कॉर्पोरेट अभिशासन–तकनीकी का उपयोग  एवं विसिल ब्‍लोयर प्रणाली ‘पर अपने भाषण में कहा कि आधुनिक तकनीक का उपयोग केवल उत्पादन और दक्षता बढ़ाने तक सीमित नहीं होना चाहिए बल्कि कार्य प्रणाली  में पारदर्शिता को भी प्रोत्साहित करना चाहिए। एनएमडीसी की डिजिटल पहल और विजिल ब्लोयर नीति की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि कर्मचारी सतर्कता के दूत हैं और मूल्य आधारित नीतियों का प्रचार करना उनका कर्तव्य है। वीएडब्‍ल्‍यू -2021 के विषय पर, डॉ प्रवीण कुमारी सिंह  ने टिप्पणी की कि अखंडता के साथ आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के लिए, भारत के नागरिकों को भ्रष्टाचार के खिलाफ सतर्क रहना चाहिए और सुशासन की मांग करनी चाहिए।

एनएमडीसी के अध्यक्ष सह  प्रबंध निदेशक सुमित देब ने इस विश्वास का समर्थन करते हुए कहा  कि प्रणालियों और प्रक्रियाओं में सुधार करते हुए प्रौद्योगिकी समाज में पारदर्शिता भी ला सकती है। एनएमडीसी स्वचालन और डिजिटलीकरण की ओर अग्रसर हैतथा उन्होंने कर्मचारियों को जागरूक  करते हुए कहा कि डिजिटलीकरण और प्रौद्योगिकी एक दोधारी तलवार है, जिसे राष्ट्र के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए सचेत रूप से उपयोग करने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर एनएमडीसी के कार्यकारी निदेशकगण , मुख्‍य सतर्कता अधिकारी एवं  वरिष्ठ अधिकारियों की उप‍िस्थिति में एनएमडीसी के वरिष्‍ठ अधिकारियों द्वारा –यथा ‘पारदर्शिता में सुधार के लिए प्रौद्योगिकी के  प्रयोग ‘ पर – सत्येंद्र राय, महाप्रबंधक (कं. एवं सू.प्रौ. – ईआरपी); एच.एस. प्रभु, महाप्रबंधक  (कं.एवं सू.प्रौ. ) ने एनएमडीसी की ‘भविष्य की डिजिटल पहल’पर ;  ‘कॉर्पोरेट गवर्नेंस एंड विसिल‍ ब्लोयर मैकेनिज्म’ – प्रवीण कुमार, सीजीएम (कार्मिक और विधि ) ने नैगम अभिशासन एवं विजिल ब्‍लोअर प्रणाली पर अपने पेपर प्रस्‍तुत किए ।डॉ प्रवीण कुमारी सिंह,मुख्य अतिथि ने सतर्कता पर एनएमडीसी-लघु फिल्म का भी शुभारंभ किया।

विनीत पांडे, मुख्‍य सतर्कता अधिकारी , एनएमडीसी ने डॉ सिंह और प्रतिभागियों को उनके  बहुमूल्य विचारों  के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने आगे कहा कि, “सुशासन, विनियमित नीतियां और प्रणालियां  निश्चित रूप से राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उत्प्रेरक के रूप में सहायक होंगी ।”

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