नई दिल्ली,
‘परिवारवाद’ के आरोपों का सामना करने वाली कांग्रेस (Congress) अब “एक परिवार, एक टिकट” की व्यवस्था बनाने पर विचार कर रही है। हालांकि इस प्रस्ताव को सहमति मिलने की स्थिति में इसके साथ यह प्रावधान भी होगा कि एक परिवार के किसी दूसरे सदस्य को टिकट तभी मिलेगा जब वह पार्टी के लिए कम से कम पांच साल तक काम करे।
‘एक परिवार, एक टिकट’ का प्रस्ताव
पार्टी महासचिव अजय माकन के अनुसार, चिंतन शिविर में चर्चा के लिए ‘एक परिवार, एक टिकट’ का प्रस्ताव आया है। उन्होंने ‘नवसंकल्प चिंतन शिविर’ के आरंभ होने से पहले कहा कि कांग्रेस ‘बड़े बदलाव’ की ओर देख रही है और इसके तहत संगठन की विभिन्न समितियों में युवाओं के लिए 50 प्रतिशत जगह आरक्षित करने, स्थानीय स्तर पर मंडल समितियां बनाने, पदाधिकारियों के कामकाज की समीक्षा के लिए एक आकलन इकाई बनाने और एक पद पर किसी व्यक्ति के लगातार पांच साल से ज्यादा नहीं रहने की व्यवस्था तय करने के प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा।
Congress puts rider on 'one family, one ticket' formula
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— ANI Digital (@ani_digital) May 13, 2022
चिंतन शिविर के बाद संगठन में बहुत बड़ा बदलाव
इस चिंतन शिविर के बाद संगठन में बहुत बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। हमारा मानना है कि बदलते समय के साथ संगठन का ढांचा नहीं बदला है। अभी भी काम का ढांचा पुराना है और इसमें आमूलचूल बदलाव नहीं हुआ है।’’ चिंतन शिविर के लिए बनी संगठन संबंधी समन्वय समिति के सदस्य माकन के अनुसार, ‘‘ब्लॉक और पोलिंग बूथ के बीच मंडल समितियां बनाने का प्रस्ताव आया है। यह सुझाव आया है कि हर ब्लॉक समिति के तहत तीन से पांच मंडल समितियां बननी चाहिए। हर मंडल समिति के तहत 15 से 20 बूथ आएंगे। इस विषय पर शिविर में चर्चा होगी।’’
Political reforms on the table, the Political Committee starts off discussions on day 1 of the ‘Nav Sankalp Chintan Shivir’ in Udaipur.#NavSankalpShivir pic.twitter.com/mzyr65Heus
— Congress (@INCIndia) May 13, 2022
टिकट पाने के लिए पांच साल तक पार्टी के लिए काम करना होगा
‘‘एक परिवार, एक टिकट पर चर्चा हुई है। इस पर सहमति बन रही है। इसमें यह प्रावधान भी होगा कि परिवार के दूसरे व्यक्ति को टिकट पाने के लिए कम से कम पांच साल तक पार्टी के लिए काम करना होगा। ऐसा नहीं होना चाहिए कि किसी पुराने नेता का बेटा एकाएक चुनाव लड़ ले। अगर किसी को चुनाव लड़ना है तो उसे संगठन के लिए अपने पांच साल देने होंगे।’’ कांग्रेस के ‘एक परिवार, एक टिकट’ के प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने की स्थिति में गांधी-नेहरू परिवार से राहुल गांधी के साथ प्रियंका गांधी वाद्रा के अगला लोकसभा चुनाव लड़ने का रास्ता साफ रहेगा क्योंकि प्रियंका 2019 के शुरु में सक्रिय राजनीति में उतरी थीं। इसके साथ ही, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके पुत्र वैभव गहलोत के एक साथ चुनाव लड़ने में दिक्कत नहीं होगी क्योंकि वैभव पिछले कई वर्षों से पार्टी संगठन से जुड़े हुए हैं। माकन ने बताया, ‘‘यह सुझाव भी है कि कोई भी व्यक्ति किसी पद पर पांच साल से ज्यादा समय तक नहीं रहे। अगर उसे पांच साल से ज्यादा समय तक पद पर रहना है तो उसके लिए तीन साल का ‘कूलिंग पीरियड’ हो और फिर वह उस पद पर आ सके।’’
कांग्रेस का अपना ‘पब्लिक इनसाइट डिमार्टमेंट’
माकन ने कहा कि जमीनी स्तर पर सर्वेक्षण और इस तरह के अन्य कार्यों के लिए पार्टी में “पब्लिक इनसाइट डिपार्टमेंट” बनाने का भी प्रस्ताव है। उन्होंने कहा, ‘‘हम लोग हमेशा अक्सर चुनाव के लिए सर्वेक्षण एजेंसियों की सेवा लेते हैं। यह चर्चा हुई है और सर्वसम्मति है कि कांग्रेस का अपना ‘पब्लिक इनसाइट डिमार्टमेंट’ होना चाहिए। यह केवल चुनाव के समय ही नहीं बल्कि हमेशा सर्वेक्षण करे ताकि जनता के मुद्दों को सही ढंग से समझा जा सके।’’ माकन ने कहा, ‘‘यह अक्सर कहा जाता है कि जो पदाधिकारी अच्छा काम करता है उसे ईनाम नहीं मिलता। इसको लेकर एक मापदंड तय करने के लिए अलग से आकलन इकाई (असेसमेंट विंग) बनाने पर सहमति बन रही है। इसके तहत यह सुझाव है कि जो अच्छा काम कर रहे हैं उनको पदोन्नति दी जाए और जो अच्छा काम नहीं कर रहे हैं कि उनको पद पर न रखा जाए।
हर समिति में 50 साल से कम उम्र के लोगों के लिए 50 प्रतिशत स्थान
उन्होंने यह भी बताया कि संगठन में स्थानीय समिति से लेकर कांग्रेस कार्य समिति तक, हर समिति में 50 प्रतिशत स्थान 50 साल से कम उम्र के लोगों को दिए जाने का भी प्रस्ताव रखा गया है। चिंतन शिविर के लिए बनी राजनीतिक मामलों की समन्वय समिति के प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि भाजपा सरकार की ओर से ‘संवैधानिक मूल्यों पर जिस तरह से हमला किया जा रहा है’, उस पर और कई अन्य मुद्दों पर इस चिंतन शिविर में चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस शिविर में इस बात पर मुख्य रूप से चर्चा होगी कि तमाम चुनौतियों को लेकर कांग्रेस कैसे राजनीतिक और संगठनात्मक रूप से जवाब देगी।