AICTE ने दी एमबीए के 40 कॉलेज को हरीझंडी, गुणवत्ता नजरअंदाज कर बांटी गईं मान्यता और संबद्धता

भोपाल
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और प्रदेश के विश्वविद्यालयों ने गुणवत्ता को नजरअंदाज कर एमबीए कालेजों को खुलकर मान्यता और संबद्धता बांट दी हैं। विभागीय सचिव मुकेश चंद्र गुप्ता ने कालेजों की गुणवत्ता को नियंत्रित करने के लिये उनकी सीटों पर 60 से 80 फीसदी तक की कटौती की है। आगामी सत्र 2021-22 में प्रदेश में 40 नये एमबीए कालेज प्रवेश देंगे।

प्रदेश में 40 नये कालेज आगामी सत्र 2021-22 में एमबीए की सीटों पर प्रवेश देंगे। सबसे ज्यादा बीस कालेज भोपाल, इंदौर में आधा दर्जन, जबलपुर, देवास और ग्वालियर में एक-दो कालेज स्थापित हो चुके हैं।     

उक्त कालेज एआईसीटीई 180 से 300 सीटों का इंटेक लेकर आये हैं। इससे प्रदेश मे कालेजों की संख्या करीब 185 तक पहुंच जाएगी। इससे कालेजों की सीटें 30 हजार तक पहुंच जाएंगी। सात साल पहले तक एमबीए की गिरती साख के कारण कई कालेज बंद हुये थे।   यहां तक कई कालेजों ने अपनी एक-एक यूनिट तक बंद करा ली थी। एमबीए की गुणवत्ता में  कोई गिरावट नहीं आये, जिसके चलते सचिव गुप्ता ने कालेजों की सीटों पर 60 से 80 फीसदी   कटौती कर दी है।   

उन्हें काउंसलिंग में भागीदारी कर सिर्फ 60-60 सीटों के बंधन में बांधकर प्रवेश कराने की अनुमति दी है। इससे प्रदेश में सभी 40 कालेज काउंसलिंग में भागीदारी करने के साथ गुणवत्ता पर फोकस कर सकेंगे।  प्रवेश एवं फीस कमेटी ने 30 बीएड, नर्सिंग, पीजीडीएम और एमबीए कालेजों की फीस निर्धारित की है। इसमें नये एमबीए कालेजों को न्यूनतम 39 हजार सालाना फीस निर्धारित करके दी गई है। ये फीस सिर्फ वर्तमान सत्र के लिये निर्धारित की गई है। आगामी सत्र में अपनी बैलेंस सीट प्रस्तुत करने के बाद कमेटी उनकी फीस का निर्धारण करेगी।

गत वर्ष स्पेलाईजेशन एमबीए को लेकर बरकतउल्ला विश्वविद्यालय को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है। अभी भी पांच कालेजों की गुत्थी नहीं सुलझ सकी है। यही स्थिति राज्य कालेज अन्य कालेजों की भी है। इसलिए सचिव गुप्ता ने स्पेलाईजेशन की यूनिट को हटाते हुय कोर एमबीए में प्रवेश कराने की स्वीकृति दी है।

विभागीय अधिकारियों का कहना है एमबीए कालेज लाखों रुपये खर्च कर एआईसीटीई और विवि में फीस जमा कर 180 से 300 सीटों तक मंजूरी लेकर आए हैं। उन्होंने गुणवत्ता युक्त एमबीए डिग्री देने के लिये मापदंडों को पूरी तरह हवा में उड़ा दिया है। इसलिए उनकी सीटों को नियंत्रित करने के लिय सीटों में कटौती की गई है।

इनका कहना
एमबीए की गुणवत्ता बनाये रखने के लिये कालेजों को 60-60 का इंटेक दिया गया है। कालेजों ने मापदंडों का पूरा पालन किया है। उन्हें एआईसीटीई और विवि से प्राप्त अनुमति के आधार पर काउंसलिंग में भागीदार बनाते हुये प्रवेश कराए जाएंगे।
मुकेश चंद्र गुप्ता, सचिव, तकनीकी शिक्षा विभाग