विशेष
साल 2022 अच्छी बुरी यादों के साथ बीत चुका है। एक नया साल, नई उम्मीदों के साथ आपके जीवन में आएगा। साल 2023 के आने का लोगों को इंतजार है लेकिन इस बीते हुए साल की यादें अब तक लोगों के जेहन में ताजा हैं और शायद हमेशा ताजा ही रहेंगी। इस साल जहां देश को पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति मिली, वहीं श्रद्धा वालकर का जघन्य शहत्याकांड भी सामने आया। टीवी डिबेट में नुपुर शर्मा की विवादित टिप्पणी पर देश और दुनिया भर में आक्रोश देखने मचा। वहीं तीन दशक से ज्यादा समय बाद कांग्रेस को गैर-गांधी अध्यक्ष मिला। जनवरी से दिसंबर तक कई अच्छी और बुरी घटनाएं घटित हुई हैं, तो चलिए जानते हैं साल 2022 की सबसे बड़ी घटनाओं के बारे में।
पीएम की सुरक्षा में चूक
पांच जनवरी को पीएम नरेंद्र मोदी पंजाब के दौरे पर थे। मौसम खराब होने की वजह से उन्हें सड़क मार्ग से ही बठिंडा से फिरोजपुर के हुसैनीवाला जाना पड़ा। यहां राष्ट्रीय शहीद स्मारक से लगभग 30 किमी पहले काफिला जब फ्लाईओवर पर पहुंचा तो कुछ प्रदर्शनकारियों ने मार्ग को अवरुद्ध कर रखा था। इस वजह से उनका काफिला आगे नहीं बढ़ा और 20 मिनट वहीं फंसा रहा। बाद में उन्हें निर्धारित कार्यक्रम में शामिल हुए बिना पंजाब से लौटना पड़ा था।
वैष्णो देवी मंदिर में भगदड़
जब लोग साल 2022 की शुरुआत का जश्न मना रहे थे और इस मौके पर माता वैष्णो देवी धाम दर्शन के लिए पहुंचे, तो साल के पहले ही दिन दुखद हादसा हुआ। एक जनवरी 2022 को वैष्णो देवी मंदिर में भगदड़ मच गई। इस दौरान 12 लोगों की मौत हो गई और 14 लोग घायल हो गए।
देश को पहली आदिवासी राष्ट्रपति मिलीं
देश को पहली आदिवासी राष्ट्रपति मिलीं। एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने यूपीए उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हरा कर राष्ट्रपति चुनाव जीता। भारत को अपनी दूसरी महिला राष्ट्रपति मिलीं। दौपद्री मुर्मू को भारत का नया राष्ट्रपति चुना गया। वह भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति भी हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ओडिशा के रायरंगपुर की रहने वाली हैं। इसके पहले मुर्मू झारखंड की राज्यपाल भी रह चुकी हैं। इस साल सबसे अधिक सुर्खियों में रहने वाली महिलाओं की सूची में द्रौपदी मुर्मू का नाम भी शामिल है।
लता मंगेशकर और कई हस्तियों ने कहा अलविदा
इसी साल 6 फरवरी में स्वर कोकिला के नाम से मशहूर भारत रत्न लता मंगेशकर का निधन हो गया। उनका जाना संगीत और मनोरंजन जगत के लिए ही नहीं, बल्कि भारत के लिए एक बड़ी क्षति रहा। 92 साल की उम्र में लता जी ने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। इस साल कई हस्तियों ने भी हमें अलविदा कह दिया. 17 जनवरी को बिरजू महाराज, 15 फरवरी को बप्पी लहरी, 12 फरवरी को राहुल बजाज का निधन हो गया था. सपा संरक्षक रहे मुलायम सिंह यादव का 10 अक्तूबर 2022 को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। मुलायम सिंह का जन्म उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में 22 नवंबर 1939 को हुआ था। उन्होंने 4 अक्तूबर 1992 को समाजवादी पार्टी की स्थापना की थी। पार्टी के मुख्य अध्यक्ष के तौर पर कार्यरत मुलायम तीन बार प्रदेश के मुखिया बने। 53 साल के केके यानी कृष्ण कुमार कुन्नथ का कोलकाता में 31 मई को इस सिंगर ने भी दुनिया से विदा ले ली. 58 साल के कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव ने 42 दिनों तक दिल्ली के एम्स अस्पताल में मौत और जिंदगी की लड़ाई लड़ी और आखिर में 21 सितंबर को मौत ने जंग जीत गई. 3 इडियट्स’ में अहम किरदार निभाने वाले अरुण बाली का 79 की उम्र में 7 अक्टूबर 2022 को इस ऑटेइम्यून डिजीज की वजह से मौत हो गई. पॉपुलर टीवी एक्टर सिद्धांत सूर्यवंशी का 46 साल की उम्र में 11 नवंबर को कोकिलाबेन अस्पताल में निधन हो गया. भारत के सबसे बड़े बिजनेसमैन परिवारों में से एक टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री का महाराष्ट्र में एक सड़क हादसे में निधन हो गया। भाजपा नेता और सोशल मीडिया स्टार सोनाली फोगाट की गोवा में रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु हो गयी।
श्रद्धा वालकर हत्याकांड
साल के अंत का अपराध की सबसे बड़ी घटना सामने आई। दिल्ली के महरौली में हुए श्रद्धा हत्याकांड ने सभी का दिल दहला दिया। लिवइन में रहने वाली श्रद्धा की हत्या करके उसके शव के कई टुकड़े किए गए। श्रद्धा की हत्या का आरोप उसी के बॉयफ्रेंड आफताब पर लगा है। फिलहाल आफताब तिहाड़ जेल में बंद है। मामले की तफ्तीश जारी है।
पांच राज्यों के चुनाव
राजनीति के क्षेत्र में साल 2022 बहुत महत्वपूर्ण रहा। इस साल पांच राज्यों में चुनाव हुए। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर के चुनाव परिणाम देश की राजनीति के लिए एक नई दिशा बने। यूपी और उत्तराखंड में भाजपा की वापसी हुई। पंजाब में आम आदमी पार्टी ने विपक्ष का सफाया कर दिया। गोवा और मणिपुर में भी भाजपा सत्ता में आई।
साल के अंत में हिमाचल प्रदेश, गुजरात विधानसभा में चुनाव परिणाम आए। गुजरात में भाजपा दोबारा सत्ता में आई और हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी।
महाराष्ट्र्र-बिहार में सत्ता परिवर्तन
इस साल महाराष्ट्र और बिहार में सत्ता परिवर्तन भी देखने को मिला. महाराष्ट्र में उद्धव की कुर्सी छिन गई, तो बिहार की सत्ता से बीजेपी को बाहर कर दिया गया. महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में 40 से ज्यादा विधायकों ने उद्धव से बगावत कर दी. बागी विधायकों ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली और एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बन गए. वहीं बिहार में नीतीश कुमार ने राजद के साथ मिलकर महागठबंधन की सरकार बना ली और बीजेपी को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया.
नूपुर शर्मा विवाद- बीजेपी से निष्कासित नूपुर शर्मा की ओर से मोहम्मद साहब पर विवादित टिप्पणी करने से देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में बवाल मच गया. नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी के लिए पूरे देश में हिंसक प्रदर्शन हुए. सउदी अरब और कतर सहित तमाम मुस्लिम देशों ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की. वहीं बीजेपी ने नूपुर शर्मा के विवादित बयान से किनारा करते हुए उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया.
मानव ख़ून में मिले ‘माइक्रोप्लास्टिक’
लंदन: शोधकर्ताओं को पहली बार इंसानी खून में प्लास्टिक के टुकड़े मिले हैं. ये टुकड़े अति सूक्ष्म यानी माइक्रोप्लास्टिक हैं. इस शोध के लिए नीदरलैंड के वैज्ञानिकों ने 22 गुमनाम स्वस्थ वयस्क दाताओं से रक्त के नमूने लिए और पाया कि इनमें से 17 (77.2 प्रतिशत) के रक्त में माइक्रोप्लास्टिक था.
फुटबॉल वर्ल्ड कप में बने कई अनूठे रिकॉर्ड
क़तर में हुए फ़ीफ़ा वर्ल्ड कप के दौरान कई नए रिकार्ड बने. फ़ुटबॉल की दुनिया में स्थापित नए मील के पत्थरों की वजह से ये विश्व कप इतिहास में अलग जगह बनाने में कामयाब रहा.
ये किसी भी मुस्लिम देश या पूरे अरब जगत में आयोजित हुआ पहला विश्व कप था.
इसी वर्ल्ड कप में पहली बार महिला रेफ़री फुटबॉल के मैदान पर उतरीं. वो थी स्टीफ़ेनी फ्रैपार्ट, जिन्होंने ग्रुप मैचों में जर्मनी और कोस्टा रिका का मुक़ाबला कराया. स्टीफेनी के साथ महिला मैच रेफरी की पूरी टीम थी, जिसका वो नेतृत्व कर रही थीं. इनमें ब्राज़ील की नेउज़ा बैक और मैक्सिको की कैरेन मेडिना शामिल थीं.
सबसे चर्चित ‘पहली बार’ वाला करिश्मा मोरक्को की टीम ने दिखाया. ये टीम पूरे अफ़्रीका और अरब वर्ल्ड की पहली टीम थी जो सेमीफ़ाइनल तक पहुंची.
सबसे बड़ा रिकार्ड लियोनेल मेसी के नाम रहा, जिन्होंने अपनी कप्तानी में अर्ज़ेंटीना के लिए विश्व कप जीत कर दिखा दिया. मेसी को पांचवीं कोशिश में वर्ल्ड कप हासिल हुआ. अर्जेंटीना ने 1986 और 1978 में वर्ल्ड कप जीता था.
वहीं फ्रांस के किलियान एमबापे ने विश्व कप के फ़ाइनल में अर्जेंटीना के ख़िलाफ़ तीन गोल किए. इससे पहले 1966 में इंग्लैंड ने जियोफ़ हर्स्ट ने वेस्ट जर्मनी के ख़िलाफ़ फ़ाइनल में तीन गोल किए थे.
विश्व की आबादी आठ अरब से आगे
संयुक्त राष्ट्र के आंकड़े के मुताबिक़ 15 नवंबर 2022 के दिन दुनिया की आबादी 8 अरब हो गई.
उस दिन जारी अपने बयान में यूएन ने कहा, “धरती की आबादी में इस अभूतपूर्व वृद्धि की मुख्य वजह है इंसानों की आयु पहले के मुक़ाबले बढ़ना. इंसानों की उम्र अब बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं, खान-पान, व्यक्तिगत साफ-सफाई और दवाओं की वजह से पहले के मुक़ाबले बढ़ी है. इसकी दूसरी वजह है कई देशों में लगातार जन्मदर का बढ़ना.
हालांकि संयुक्त राष्ट्र ने ये भी कहा कि हमारी आबादी आठ अरब से नौ अरब होने में 15 साल लगेंगे. आबादी के सात अरब से आठ अरब होने में 12 साल का वक्त लगा, लेकिन उसके मुक़ाबले जनसंख्या बढ़ने की रफ़्तार आगे थोड़ी धीमी होगी.
‘जेंडर हिस्ट्री’ रचने वाले लेडुस
विंटर ओलंपिक्स में ‘आइस स्केटिंग’ ऐसी प्रतियोगिता है, जिसमें लोग अकेले या अपने जोड़ीदार के साथ हिस्सा लेते हैं.
इसमें मेल या फीमेल जेंडर के साथ ‘नॉन बायनरी’ यानी ऐसे लोग, जिनका लिंग स्त्री या पुरुष में निर्धारित नहीं, वो भी हिस्सा ले सकते हैं.
टिमोथी लेडुस अमेरिका के जानेमाने ‘फिगर स्केटर’ हैं और इस साल फरवरी में बीजिंग में हुए विंटर ओलंपिक्स में हिस्सा लेकर उन्होंने यही इतिहास रचा.
हालांकि लेडुस ने प्रतियोगिता में कोई मेडल नहीं जीता, बल्कि वो अपने जोड़ीदार एशली केन के साथ सातवें नंबर पर रहे. लेकिन अपनी लैंगिंक पहचान की वजह से उन्होंने दुनियाभर के प्रशंसकों पर अपनी छाप छोड़ी.
ऋषि सुनक का रिकॉर्ड
ब्रिटेन में वैसे तो इस साल कई रिकार्ड बने, खासतौर पर प्रधानमंत्रियों के मामले में. लिज़ ट्रस ब्रिटेन के इतिहास में सबसे कम 45 दिन के लिए प्रधानमंत्री बनी.
लेकिन इससे बड़ा इतिहास उनके बाद बनने वाले प्रधानमंत्री ने रचा. ये थे ऋषि सुनक, जिन्होंने 25 अक्टूबर को शपथ ली. ऋषि सुनक पहले ऐसे प्रधानमंत्री बने, जो ब्रिटिश मूल के नहीं है.
रूस-यूक्रेन युद्ध
साल 2022 रूस और यूक्रेन के बीच हुई जंग ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींचा। 24 फरवरी 2022 को रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था। रूस की तरफ से किए हमलों में यूक्रेन के कई शहर बुरी तरह से तबाह हो गए। रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत का रुख साफ रहा है। जितनी बार भी संयुक्त राष्ट्र संघ में रूस की आलोचना करने वाला प्रस्ताव आया है भारत इससे बचता रहा है। सिर्फ इतना ही नहीं भारत सरकार ने एक बार भी रूस का जिक्र नहीं किया, साथ ही रूस पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों को लेकर भी प्रतिबंधों से भी भारत किनारा कर चुका है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में अपने यूक्रेनी समकक्ष दिमित्री कलेवा के साथ बैठक की थी और दोनों नेताओं ने क्षेत्र में हाल की घटनाक्रमों, परमाणु चिंताओं और यूक्रेन पर रूस के युद्ध को समाप्त करने के तरीकों पर चर्चा की थी।
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का निधन
70 साल के शासन के बाद यूनाइटेड किंगडम और 14 अन्य राष्ट्रमंडल क्षेत्रों की रानी एलिजाबेथ द्वितीय ने 8 सितंबर को दुनिया को अलविदा कहा। क्वीन एलिजाबेथ ब्रिटेन पर सबसे लंबे समय तक राज करने वाली साम्राज्ञी थीं। ब्रिटेन की महारानी के पद पर उनकी ताजपोशी साल 1952 में हुई थी। वो 70 साल तक इस पद पर बनी रहीं। सिर्फ 25 साल की उम्र में ब्रिटेन की राजगद्दी संभालने वाली एलिजाबेथ ने तीन बार भारत का दौरा किया था। 1961, 1983 और 1997 में वो भारत आई थीं। उनके निधन पर भारत सरकार ने 11 सितंबर को राष्ट्रीय शोक का एलान किया।
ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शन
ईरान में हिजाब के विरोध में प्रदर्शन महसा अमीनी की मौत के बाद शुरू हु थे. 22 वर्षीय अमीनी को 13 सितंबर को मोरेलिटी पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उन पर हिजाब नियमों के उल्लंघन के आरोप था. अमीनी की मौत के बाद प्रदर्शन 140 शहरों और कस्बों तक फैल गए। हिजाब विरोधी प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुईं और इस्लामी गणराज्य के लिए ये संकट चुनौती बन गया। हिजाब विरोध में हजारों महिलाओं ने अपने बाल कटवाए। प्रदर्शन कितना व्यापक था इसे इस बात से समझा जा सकता है कि सुरक्षाबलों की तरफ से की गई कार्रवाई में कई बच्चों, महिलाओं और प्रदर्शनकारियों की मौत हुई। हजारों प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया गया।
अफगानिस्तान में तालिबान राज
अफगानिस्तान में तालिबान राज के बाद हालात पूरी तरह बदल गए हैं. अमेरिका सेना की वापसी के बाद तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था. उसके बाद अफगानिस्तान में जो पलायन का दौर शुरू हुआ था वो आज भी जारी है। साल 2022 में अफगानिस्तान में तालिबान राज पर पूरी दुनिया के लोगों की निगाहें रहीं। अफगानिस्तान में तालिबान के हाथ में जब से सत्ता आई है तब से अफगानों की हालत दयनीय है। आर्थिक स्थिति विकट है, कुपोषण दर बढ़ रही है, महिलाओं के अधिकारों में कटौती की जा रही है, पलायन और आंतरिक विस्थापन जारी है। स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा रही हैं। अफगानिस्तान के साथ संबंधों को लेकर भारत कहां खड़ा है तो इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि, भारत ने अफगानिस्तान को हरसंभव मानवीय सहायता पहुंचाई है। इनमें आवश्यक जीवन रक्षक दवाएं, टीबी रोधी दवाएं, कोविड-19 टीकों की 500,000 खुराक शामिल हैं। इतना ही नहीं अफगानिस्तान में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत ने 40,000 टन गेहूं की खाद्य सहायता भी दी है।
श्रीलंका में आर्थिक संकट
साल 2022 में श्रीलंका आर्थिक संकट के भीषण दौर से गुजरा। जून 2022 में तत्कालीन प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने संसद में कहा कि अर्थव्यवस्था चरमरा गई है, जिससे देश आवश्यक वस्तुओं का भुगतान करने में असमर्थ हो गया है। इसके बाद श्रीलंका में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। आम नागरिक सड़कों पर उतर आए। हिंसा के साथ-साथ आगजनी और लूट की घटनाएं भी हुईं।
कनाडा की नई Immigration Policy
कनाडा में नई इमिग्रेशन पॉलिसी के बाद देश में लेबर की कमी को दूर किया जा सकेगा। कनाडा ने देश में प्रवेश करने वाले अप्रवासियों की संख्या में बड़ी वृद्धि करने की योजना बनाई है। नए लक्ष्य के मुताबिक, कनाडा साल 2025 तक हर साल 5 लाख प्रवासियों का स्वागत करेगा। इस नीति के पीछे श्रमिकों की भारी कमी सबसे बड़ा कारण है। नई इमिग्रेशन पॉलिसी देश में आवश्यक कार्य कौशल और अनुभव के साथ अधिक स्थायी निवासियों को स्वीकार करने पर अधिक जोर देती है। अनुमान है कि कनाडा में साल 2023 में बाहर से 4.65 लाख लोग आएंगे और ये संख्या साल 2025 में बढ़कर 5 लाख हो जाएगी।
अमेरिका में गर्भपात पर प्रतिबंध
जून 2022 में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने ‘रो बनाम वेड’, 1973 के फैसले को पलट दिया, जिसने गर्भपात का संवैधानिक अधिकार प्रदान किया था। ‘रो बनाम वेड’ के ऐतिहासिक निर्णय से पहले, अमेरिका के 30 राज्यों में गर्भपात अवैध था, जबकि 20 राज्यों में ये खास परिस्थितियों में कानूनी तौर पर वैध था। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद ना केवल अमेरिका में बल्कि पूरी दुनिया में प्रो-लाइफ बनाम प्रो-चॉइस की बहस छिड़ गई। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी इस फैसले को ठीक नहीं माना था साथ ही पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत नहीं किया था। उन्होंने इसे सीधे तौर पर निजता हनन बताते हुए कहा था कि, कोर्ट ने सिर्फ 50 साल पुराना आदेश वापस नहीं लिया, बल्कि उन्होंने सीधे-सीधे अमेरिका के लोगों की निजी स्वतंत्रता पर हमला किया है।
शी जिनपिंग का सत्ता में रिकॉर्ड तीसरा कार्यकाल
शी जिनपिंग के तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति बनने के साथ ही पार्टी का चार दशक पुराना नियम भी टूट गया है। दरअसल, चीन में 1982 में सर्वोच्च पद पर 10 साल के कार्यकाल का नियम बनाया गया था। लेकिन जिनपिंग को पांच और वर्षों तक सत्ता में रखने के लिए इस नियम को दरकिनार कर दिया गया। माओत्से तुंग के बाद जिनपिंग देश के सबसे शक्तिशाली नेता के रूप में उभरे हैं। बीजिंग के ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल में सभा को संबोधित करते हुए शी चिनपिंग ने कहा था, ‘संघर्ष करने की हिम्मत करो, जीतने की हिम्मत करो और हमेशा आगे बढ़ते रहने के लिए दृढ़ रहो।’
एलन मस्क का ट्विटर पर कब्जा
इस साल की सबसे चर्चित डील एलन मस्क और माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर की रही। दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क ने 44 बिलियन डॉलर में ट्विटर को खरीदा और उसके बाद कंपनी में कई तरह के बदलाव किए। इसके लिए एलन मस्क और ट्विटर कंपनी के बीच काफी बहसबाजी भी हुई। यहां तक कि कंपनी एलन मस्क को कोर्ट ले गई लेकिन आखिर में एलन मस्क (Elon Musk) ने ट्विटर को खरीद लिया और पराग अग्रवाल को बाहर का रास्ता दिखा दिया।