स्थायी भविष्य की ओर कदम ! बीजिंग-तियानजिन-हेबेई क्षेत्र में स्वच्छ ऊर्जा की आपूर्ति

नई दिल्ली

एक स्थायी भविष्य की ओर कदम ! बोहाई बे में बेसाल्ट फील्ड में इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन की एक दिशात्मक ड्रिलिंग परियोजना चल रही है। यह परियोजना बीजिंग-तियानजिन-हेबेई क्षेत्र में स्वच्छ ऊर्जा की आपूर्ति के प्रयासों का हिस्सा है। ऊर्जा सुरक्षा के प्रति चीन के भू-राजनीतिक दृष्टिकोण और उसके प्राथमिक ऊर्जा मिश्रण में गैर-जीवाश्म ईंधनों की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए उसके प्रयासों के सह-अस्तित्व से ही चीन की अर्थव्यवस्था को कार्बन मुक्‍त करने के उसके इरादे की परीक्षा होगी।

विश्व ऊर्जा की बीपी सांख्यिकीय समीक्षा 2016 (बीपी आंकड़े 2016) के अनुसार, वैश्विक ऊर्जा खपत में अपनी 23 फीसदी हिस्‍सेदारी के साथ चीन दुनिया का सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता है। इसके साथ ही यह दुनिया में ऊर्जा का सबसे बड़ा शुद्ध आयातक भी है। चीन की कुल ऊर्जा जरूरतों के 16 फीसदी की पूर्ति आयात से ही होती है। इसकी पूर्ति मुख्‍यत: तेल और प्राकृतिक गैस के आयात से होती है जिनकी हिस्‍सेदारी क्रमश: 61 फीसदी और 30 फीसदी है।