रायपुर
छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध सूफी गायक मदन चौहान को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया। इस दौरान उन्होंने कहा छत्तीसगढिय़ा सब ले बढिय़ा । यह सुनकर और पद्मश्री पुरस्कार पाकर मदन चौहान भावुक हो गए। राष्ट्रपति को याद था कि उन्होंने छत्तीसगढ़ दौरे के समय मदन चौहान को चक्रधर सम्मान भी प्रदान किया था । सम्मान समारोह के बाद आयोजित भोज में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी प्रदेश के पद्मश्री पाने वालों से मुलाकात की। इसी दौरान प्रधानमंत्री ने मदन चौहान से कहा कि वे उनका सूफी गीत कभी न कभी अवश्य सुनेंगे। इस पर श्री मदन ने भी कहा कि जब आदेश देंगे, वे सुनाने को हाजिर हो जाएंगे। पद्मश्री पुरस्कार लेकर मदन चौहान कल राजधानी वापस लौटेंगे।
मदन चौहान ने पुरस्कार हासिल करने के बाद कहा कि पुरस्कार लेने के लिए उन्होंने कोई खास तैयारी नहीं की। संगीत प्रस्तुत करते समय हमेशा जो कुर्ता पायजामा जैकेट पहनते हैं, वही पोशाक पद्मश्री सम्मान हासिल करते हुए पहनी।
राष्ट्रपति के हाथों उन्हें दूसरी बार पुरस्कार मिलने के पल को कभी भूल नहीं जा सकता। यह सम्मान पूरे छत्तीसगढ़ का सम्मान है, और संगीत का सम्मान है। मुझे गर्व है कि मैं छत्तीसगढिय़ा हूं। राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित होने के बाद वे 9 नवंबर की शाम राजधानी वापस लौटेंगे।
मालूम हो कि मदन चौहान छत्तीसगढ़ के उन गायकों में से एक हैं, जिन्हें सूफी गायन,वादन की खूबियों के लिए याद किया जाता है। सुगम गायन के क्षेत्र में उनका विशेष स्थान है। गत 50 वर्षों की अथक साधना के बाद उन्हें पद्मश्री पुरस्कार दिया गया है।
नई दिल्ली में आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने छत्तीसगढ़ के जाने-माने गायक मदन चौहान को पद्मश्री से सम्मानित किया।संगीतज्ञ मदन सिंह चौहान ‘गुरूजी‘ छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध संगीत शिक्षक, गजल गायक और सूफी गायक हैं। @rashtrapatibhvn @GovernorCG @ChhattisgarhCMO @ianuragthakur pic.twitter.com/KQ2VHTTI7s
— PIB in Chhattisgarh (@PIBRaipur) November 8, 2021