CAIT : दिवाली त्यौहारी सीजन में बाज़ारों में सवा लाख करोड़ का रिकॉर्ड व्यापार…14 नवम्बर से शुरू हो रहे शादियों के सीजन की तैयारी

रायपुर

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीड़िया प्रभारी संजय चौंबे ने बताया कि गोवर्धन पूजा के कारण प्रदेश सहित देश भर में लगभग सभी थोक बाजार बंद रहें वही विश्वकर्मा पूजा की वजह से भी सभी औद्योगिक संस्थान भी पूरी तरह बंद रहेंगे। छठ पूजा के कारण बड़ी संख्यां में मजदूर एवं कर्मचारी भी अपने गाँव लौट गए है और कमोबेश अब देश भर में सामान्य व्यापारिक गतिविधियां 11 नवम्बर से शुरू होंगी।

इस वर्ष दिवाली पर लोगों ने जमकर बाज़ारों में खरीदारी कर दो साल से व्यापार में चल रही आर्थिक मंदी को ख़त्म कर देश के व्यापारियों में निकट भविष्य में बेहतर व्यापारिक संभावनाओं की चमक को जगा दिया है। अनेक मायनों में इस बार की दिवाली पिछले अनेक वर्षों के मुकाबले बिलकुल अलग रही और देशवासियों ने भी जमकर दिवाली का त्यौहार अपनी पूरी शान ओ शौकत से मनाया । दिवाली व्यापार से उत्साहित होकर अब देश भर के व्यापारी आगामी 14 नवम्बर देव -उठान एकादशी से शुरू होने वाले शादियों के सीजन की बिक्री के लिए दुगने जोश से जुट गए हैं।

कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी ने बताया की इस वर्ष की दिवाली के त्यौहारी सीजन में पूरे देश में लगभग सवा लाख करोड़ रुपये के व्यापार के होने का अनुमान है जो गत 10 वर्षों में दिवाली सीजन में व्यापार का एक रिकॉर्ड आंकड़ा है। अकेले दिल्ली में यह व्यापार लगभग 25 हजार करोड़ का हुआ। श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने बताया की इस बार देश भर के बाज़ारों में चीनी सामान कतई भी नहीं बिका और ग्राहकों का ख़ास जोर भारतीय वस्तुओं की खरीद पर रहा जिसके चलते चीन को 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक के व्यापार का सीधा नुक्सान हुआ। उन्होंने कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के आव्हान को देश भर के व्यापारियों ने मजबूती देते हुए देश भर में भारतीय दिवाली – लोकल दिवाली को उत्साहपूर्वक मनाया।

पारवानी एवं दोशी ने बताया की दिवाली त्यौहार के पारम्परिक सामान मिटटी के दिए,अनेक प्रकार से सजी बेहद आकर्षक द्वार वंदनवार, लटकन, मिटटी की हठरी, खांड के बने खिलौने, मिटटी के चंडोल, मोमबत्ती एवं माँ के बने दिए, रंगोली आदि की खरीद पर रहा जिसके कारण छोटे कुम्हारों, शिल्पकारों, हस्तशिल्पी तथा अन्य विधाओं के छोटे लोगों को बड़ा व्यापार मिला वहीँ दिवाली पर मुख्य रूप से मिठाई, ड्राई फ्रूट, पैक्ड नमकीन,अन्य खाने-पीने की पैक्ड वस्तुएं, फर्निशिंग फैब्रिक, टेपेस्ट्री, फुटवियर, गिफ्ट का सामान, एफएमसीजी सामान, इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स, घड़ियाँ, कंस्यूमर उत्पाद, रेडीमेड गारमेंट्स, कपडा, पैकेजिंग का सामान, खिलौने, बिजली की लड़िया एवं बिजली के एलईडी बल्ब, घर को सजाने के लिए डेकोरेटिव आइटम्स, बिल्डर हार्डवेयर, पेंट, रसोई के उपकरण, बर्तन, फर्नीचर एवं फिक्सचर, फैशन के वस्त्र, खाद्यान, किराना वस्तुएं, स्टेशनरी सहित अन्य वस्तुओं में जबरदस्त व्यापार हुआ।

पारवानी एवं दोशी ने बताया की कैट इस वर्ष दिवाली पर सोने के गहनों एवं चांदी के बने सामान की जमकर खरीदी की गई जहाँ देश भर में सोने के गहनों का व्यापार लगभग 9 हजार करोड़ रुपये का हुआ वहीँ दिल्ली में यह व्यापारिक आंकड़ा लगभग 1300 करोड़ रुपये का रहा जबकि पैकेजिंग कमोडिटी का व्यापार 15 हजार करोड़ रुपये का हुआ। इस दिवाली ने देश भर के व्यापारियों में एक नए उत्साह, उमंग और भविष्य के व्यापार की बड़ी संभावनाओं को देखते हुए व्यापार में नए तौर तरीके अपनाने के लिए प्रेरित किया है।