LAC Talks: सीमा विवाद को लेकर भारत-चीन फिर करेंगे बातचीत

नई दिल्ली,

भारत और चीन 10 अक्टूबर को 13वें दौर की वरिष्ठ कमांडरों की बैठक के दौरान उत्पन्न गतिरोध के बाद अब इस महीने फिर वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड कॉर्डिनेशन (WMCC) की एक और बैठक आयोजित करने पर सहमत हो गए हैं। हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, दोनों पक्ष बैठक आयोजित करने पर सहमत हुए हैं, लेकिन तारीखों का अभी आधिकारिक ऐलान होना बाकी है।

अखबार के मुताबिक, इस बार चर्चा के सबसे बड़े मुद्दों में हॉट स्प्रिंग्स (Hot Springs) शामिल रहेगा। इससे पहले भारत और चीन के बीच आखिरी वार्ता 10 अक्टूबर को हुई थी। करीब साढ़े 8 घंटे चली इस बातचीत में पूर्वी लद्दाख में टकराव के बाकी बिंदुओं से सैनिकों की जल्द वापसी पर जोर दिया गया था।

नई दिल्ली और बीजिंग में स्थित अधिकारियों के मुताबिक, दोनों पक्षों के अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारियों की अध्यक्षता में WMCC की बैठक में डेपसांग बुलगे और चार्डिंग नाला जंक्शन, डेमचोक में भारतीय सेना के लिए पेट्रोलिंग को बहाल करने पर सहमति मुश्किल होगी। इसके पीछे की वजह चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) का अड़ियल रवैया है।

10 अक्टूबर को बैठक के बाद चीन ने अपनी सरकारी मीडिया के जरिए उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाला काम किया था। चीनी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने पीएलए के वेस्टर्न थिएटर कमांड के हवाले से कहा कि भारत अनुचित मांगों के जरिए बातचीत में मुश्किलें खड़ी कर रहा है।

अखबार के अनुसार, माना जाता है कि 13वें दौर की बैठक में PLA ने हॉट स्प्रिंग्स में डिसइंगेजमेंट की परेशानी को सुलझान में अपर्याप्त उपायों का सहारा लिया। चीनी सेना ने अपने स्थाई बेस पर लौटने या अप्रैल 2020 जैसी यथास्थिति दोबारा बहाल करन से इनकार कर दिया था।

मई 2020 में PLA ने बड़ी संख्या में जवानों का इस्तेमाल कर पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो को उत्तरी किनारों, गलवान, गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स में स्थिति को एकतरफा बदल दिया था। चीन ने यह कदम खारिज की गई 1959 लाइन को लद्दाख में 1597 किलोमीटर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ लागू करने की कोशिश में उठाया था।