रायपुर,
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू,प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीड़िया प्रभारी संजय चौंबे ने बताया कि “दुनिया भर में कौन सी कंपनी वकीलों को अपने अर्जित राजस्व का 20 प्रतिशत से अधिक वकीलों पर खर्च करते हुए व्यवसाय में टिके रहने में सक्षम है और वह भी जब साल दर साल वह कम्पनी घाटे में चल रही है लेकिन यह सत्य है की अर्थव्यवस्था के सभी सिद्धांतों को पछाड़ते हुए भारत में वैश्विक ई-टेलर अमेज़ॅन है जो एक जीवित उदहारण है इस बात का – यह कहते हुए कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी ने कहा कि अमेज़ॅन ने वर्ष 2019 एवं 2020 में लगभग 40 हजार करोड़ रुपये के कारोबार में वकीलों पर लगभग 8500 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। उन्होंने कहा कि वकीलों के माध्यम से भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने के एक व्हिसलब्लोअर के आरोप की इस सनसनीखेज आंकड़े से पुष्टि होती है जिसको लेकर अमेज़न ने एक इंटरनल इन्वेस्टिगेशन शुरू किया है।
पारवानी एवं दोशी ने कहा की कैट ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल को 20 सितम्बर को इस मामले में भेजे पत्र की श्रंखला में आज एक और पत्र भेजा है जिसमें कहा गया है की यह रिश्वतखोरी का बेहद संगीन मामला है जिसमें सरकारी अधिकारियों को भी रिश्वत दिया जाना शामिल है और यह मामला सीधे देश की गरिमा से जुड़ा है, इस दृष्टि से इस सनसनीखेज घोटाले की तत्काल सीबीआई जांच कराई जानी जरूरी है।
पारवानी और दोशी ने पिछले वर्षों में कानूनी शुल्क का भुगतान करने वाले अमेज़ॅन की एक तालिका जारी करते हुए गोयल को अपने पत्र में कहा कि अमेज़ॅन द्वारा कानूनी धन का दुरुपयोग आश्चर्यजनक और जबरदस्त है और किसी भी कंपनी की आर्थिक व्यवहार्यता के सभी सिद्धांतों को तोड़ देता है।
पारवानी और दोशी ने कहा कि तालिका से कानूनी पेशेवर शुल्क के तहत खर्च की गई बड़ी राशि स्पष्ट रूप से दिखाती है कि कैसे अमेज़ॅन और उसकी सहायक कंपनियां भारत सरकार के अधिकारियों को रिश्वत देने और हेरफेर करने के लिए अपनी वित्तीय ताकत का दुरुपयोग कर रही हैं और यह गंभीर चिंता का विषय है और इसके लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है। सरकार के सभी स्तरों पर भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के विपरीत सरकारी अधिकारियों का यह आचरण अक्षम्य है । दूध का दूध और पानी का पानी करने के लिए यह जांच बेहद आवश्यक है।
कैट ने गोयल से आग्रह किया था कि वह सीबीआई को इस मामले की तुरंत जांच करने और कंपनी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दें।