नई दिल्ली
तालिबान सरकार (Taliban Government) में उच्च शिक्षा मंत्री (Higher Education Minister) ने कहा कि महिलाएं पोस्ट ग्रेजुएट लेवल सहित सभी विश्वविद्यालयों में पढ़ सकती हैं लेकिन क्लासरूम लैंगिक आधार (Gender-Segregated) पर विभाजित होनी चाहिए और इस्लामी पोशाक (Islamic Dress) पहनना अनिवार्य होगा।
शिक्षा मंत्री अब्दुल बकी हक्कानी (Abdul Baqi Haqqani) ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फेंस में इन नई नीतियों की रूपरेखा पेश की। इससे कुछ दिन पहले ही अफगानिस्तान के नए शासकों ने पूर्ण तालिबान सरकार के गठन की घोषणा की जिसमें एक भी महिला शामिल नहीं है।
हक्कानी ने कहा कि विश्वविद्यालय की महिला छात्रों को हिजाब पहनना होगा, लेकिन इस बारे में विस्तार से नहीं बताया कि इसका मतलब केवल सिर पर स्कार्फ पहनना है या इसमें चेहरा ढकना भी अनिवार्य होगा।
आपको बता दें कि राजधानी काबुल और उत्तर-पूर्वी अफगान प्रांत बदख्शां में दर्जनों महिलाएं अफगानिस्तान में पुरुष प्रधान अंतरिम सरकार के गठन का विरोध कर रही हैं। 1990 के दशक में तालिबानी सरकार के दौरान लड़कियों और महिलाओं को शिक्षा से वंचित कर दिया गया था।
तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जे के लगभग तीन हफ्ते बाद सात सितंबर को सरकार का ऐलान करते हुए अंतरिम प्रधानमंत्री के तौर पर मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को देश की बागडोर सौंप दी। तालिबान की पिछली सरकार में विदेश मंत्री समेत कई अहम पद संभाल चुके अखुंद को संगठन की शक्तिशाली सूरा परिषद के सदस्य के तौर पर बामियान में बुद्ध प्रतिमाओं को बर्बाद करने वाले फैसले समेत फतवों की फेहरिस्त के लिए भी जाना जाता है।
लगभग 71 साल के अखुंद तालिबान के सबसे पुराने नेताओं में से एक हैं और उन्हें संगठन के संस्थापक मुल्ला मोहम्मद उमर समेत उन तीन लोगों में शुमार किया जाता है जिन्होंने तालिबान आंदोलन के विचार की कल्पना की।
सोशल मीडिया पर प्रसारित तस्वीरों में अखुंद परंपरागत अफगान परिधान में आम अफगान की तरह ही नजर आते हैं, लेकिन रुतबे और रुआब में वह तालिबान के तमाम दूसरे ओहदेदारों पर बीस साबित हुए हैं।