टीबी मरीजों को खोजने को एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान 10 सितंबर से होगा शुरू

बेमेतरा,

 प्रदेश को वर्ष 2023 तक टीबी मुक्त बनाने के लिए राष्ट्रीय क्षय उन्नमूलन कार्यक्रम के अंतर्गत टीबी की सघन खोज एवं उपचार अभियान 10 सितंबर से 10 अक्टूबर-2021 तक चलाया जाएगा। अभियान के दौरान डोर टू डोर सर्वे के लिए 120 टीमें लगभग 10 लाख की जनसंख्या को कवर करेंगीं और जिसमें लक्षण नजर आएगा उनकी जांच कराई जाएगी। जिले में अभियान को शुरु करने से पहले सीएमएचओ कार्यालय में जिला कार्यक्रम समन्वयक क्षय उन्मूलन सम्पत्ति बंजारे, डीपीएम अनुपमा तिवारी, सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी बीएमओ व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी आरएमओ की एक बैठक आयोजित की जायेगी जिसमें अभियान की रणनीति पर चर्चा की जायेगी। टीवी के संदेहास्पद मरीजों की जांच एवं उपचार के लिए जन जागरूकता को विशेष महत्व देते हुए जनपद पंचायत, सरपंच, सचिव, पंच व पार्षद सहित जनप्रतिनिधियों को भी कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा ।

लक्षण वाले व्यक्ति रोग को छिपाएं नहीं –

जिला टीबी उन्न्मूलन अधिकारी डॉ. जीएस ठाकुर ने बताया, “टीबी को हराने के लिए ग्राम स्तर पर मितानिन, आरएचओ, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की टीम टीबी मरीजों की खोज करेगी। डॉ ठाकुर ने लोगों से अपील करते हुए कहा, डोर टू डोर सर्वे में यदि टीम के सदस्य किसी के घर पहुंचे तो टीबी के लक्षण वाले व्यक्ति अपने रोग को छिपाएं नहीं, बल्कि लक्षणों के बारे में खुलकर बताएं। टीबी रोग की पुष्टि होने पर उनका समुचित इलाज होगा। उन्होंने कहा, टीबी हारेगा देश जीतेगा थीम पर चलने वाले अभियान के दौरान टीम के लोग जन सामान्य को माइकिंग, पंपलेट, हाउस स्टीकर के माध्यम से भी टीबी से बचाव के लिए जागरूक करेंगे। टीबी रोगी के बारे में सूचना देने वाले को 500 रुपए प्रोत्साहन स्वरूप दिए जा रहे है। डॉ. ठाकुर ने  बताया, टीबी रोग पाए जाने पर रोगियों को मुफ्त दवाएं देने के साथ ही प्रतिमाह पांच सौ रुपये निक्षय पोषण योजना से देने का भी प्रावधान है। जिले को टीबी मुक्त बनाने में सामूहिक सहयोग जरुरी है।“

टीबी व कोविड के लक्षण समान-

सीएमएचओ डॉ. प्रदीप कुमार घोष ने बताया, “टीबी और कोविड के लक्षण मिलते-जुलते हैं, इसलिए ऐसे में खास सावधानी बरतने की जरूरत है। इससे बचने के लिए जरूरी प्रोटोकॉल जैसे- मास्क पहनना अनिवार्य है, क्योंकि इन दोनों ही बीमारियों में खांसने या छींकने से निकलने वाली बूंदों से संक्रमण की संभावना रहती है। इसलिए अपने साथ दूसरों को सुरक्षित करने के लिए मास्क से मुंह और नाक को ढककर रखें।“

टीबी रोग के लक्षण-

  • 14 दिनों से ज्यादा का बुखार व खांसी आना।
  • सीने में दर्द व खांसी के साथ मुंह से खून आना।
  • भूख कम लगना व वजन का घटना।
  • बच्चों में वजन का न बढ़ना
  • रात में पसीना आना इत्यादि।

टीबी रोग से कैसे करें बचाव-

  • टीबी रोगी का इलाज शीघ्र कराएं
  • टीबी रोगी खांसते समय मुंह पर कपड़ा रखें या मास्क पहनें
  • टीबी रोगी एक बंद वर्तन में थूकें तथा उसे जला दें, या जमीन में गाड़ दें
  • सभी नवजात शिशुओं को बीसीजी का टीका अवश्य लगवाएं