नई दिल्ली
वायु प्रदूषण बीमारियां ही पैदा नहीं कर रहा बल्कि हमारी उम्र भी घटा रहा है। वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक (एक्यूएलआई) की ताजा रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यदि भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल वायु गुणवत्ता को डब्ल्यूएचओ मानकों के अनुरूप स्वच्छ बनाने में सफल हो जाएं तो औसत आयु 5.6 साल बढ़ जाएगी। वर्ना इतनी उम्र घट जाएगी। सर्वाधिक प्रदूषित शहरों दिल्ली और कोलकाता के बाशिंदे उम्र के नौ साल गंवा सकते हैं।
एक्यूएलआई की मंगलवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, वायु प्रदूषण से मुक्ति दुनिया को औसत आयु में दो साल और सर्वाधिक प्रदूषित देशों को पांच साल की बढ़त दिला सकती है। भारत एवं पड़ोसी देशों के लिए यह आकलन 5.6 साल का किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार भारत, पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश में दुनिया के एक चौथाई लोग रहते हैं। और ये दुनिया के पांच सर्वाधिक आबादी वाले मुल्कों में शामिल हैं। भारत में 48 करोड़ लोग गंगा के मैदानी क्षेत्र में रहते हैं, जहां प्रदूषण का स्तर बेहद ज्यादा है।
रिपोर्ट के अनुसार, प्रदूषण अब गंगा के मैदानों से आगे मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में फैल गया है, जहां लोग वायु गुणवत्ता के कारण 2.5-2.9 साल की जीवन प्रत्याशा खो सकते हैं। जबकि केंद्र सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय स्वच्छ हवा कार्यक्रम (एनकैप) के लक्ष्य राष्ट्रीय जीवन प्रत्याशा को 1.7 तक बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।