नई दिल्ली
पंजाब के सीएम अमरिंदर और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच की तकरार बढ़ती ही जा रही है। पंजाब कांग्रेस के भीतर की यह कलह मंगलवार को तब सामने आई जब लगभग 20 विधायकों ने आलाकमान से अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाने का आग्रह करने का फैसला किया, लेकिन अब इनमें से सात विधायकों ने इस फैसले में अपनी सहमति को खारिज करते हुए है और खुद को इससे पूरी तरह अलग कर लिया है। मुख्यमंत्री कार्यलय ने यह जानकारी दी। इन सात विधायकों ने बताया कि पार्टी मामलों पर चर्चा कराने के लिए बुलाई बैठक में अचानक सीएम बदलनी की मांग होने लगी थी। हालांकि ये सात विधायक मुख्यमंत्री अमरिंदर के साथ खड़े हैं।
पार्टी के भीतर दरार पैदा करने की कोशिश में लगे एक तबके द्वारा रची गई साजिश का हिस्सा होने से इनकार करते हुए, इन सात नेताओं ने खुद को मुख्यमंत्री के पीछे खड़ा किया है और उनके नेतृत्व में अपना पूरा विश्वास जताया। पार्टी में तथाकथित विद्रोह से खुद को दूर करने वाले पंजाब कांग्रेस के नेताओं में कुलदीप वैद, दलवीर सिंह गोल्डी, संतोख सिंह भलाईपुर, अजीत सिंह मोफर, अंगद सिंह, राजा वारिंग और गुरकीरत सिंह कोटली शामिल हैं। बता दें कि चार मंत्रियों और लगभग 20 विधायकों ने कैप्टन अमरिंदर को सीएम पद से हटाने की मांग की थी और कहा जा रहा था कि ये विधायक पार्टी आलाकमान से मिलकर को सीएम को बदलने की मांग करने वाले हैं। लेकिन अब ऐसी खबरें आ रही हैं कि सीएम बदलने की मांग करने वाले विधायकों में से सात ने अपना फैसला बदल लिया है और अब वे सीएम अमरिंदर सिंह के साथ खड़े हैं।
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इन सात विधायकों ने कहा है कि तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा के आवास पर बंद दरवाजों में हुई बैठक के बाद इनके नाम भी धोखाधड़ी से बागी विधायकों की लिस्ट में शामिल कर दिए थे। इन सात विधायकों ने बताया है कि यह बैछव पार्टी के मामलों की चर्चा करने के लिए बुलाई गई थी लेकिन कुछ विधायक मुख्यमंत्री बदलने की मांग करने लगे, लेकिन इस मामले पर कोई प्रस्ताव पारित नहीं हुआ था और न ही सहमति बनी थी।
इन सभी सातों ने पंजाब कांग्रेस के एक वर्ग द्वारा 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी में बगावत करने के प्रयासों की निंदा की, खासकर जब आलाकमान ने सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर के बीच मतभेदों को पहले ही सुलझा लिया था। उन्होंने कहा कि चुनावों में कुछ ही महीने बचे हैं, पार्टी को एकजुट होकर काम करने की जरूरत है, न कि व्यक्तिगत निहित स्वार्थों को बढ़ावा देने के लिए घटिया राजनीति में लिप्त होकर अपने राजनीतिक लाभ को खत्म करने की।














