मऊ
मऊ के घोसी से बसपा सांसद अतुल राय पर रेप का आरोप लगाने वाली युवती के साथी की शनिवार की सुबह मौत हो गई। पीड़िता और उसके साथी ने सोमवार 16 अगस्त को वाराणसी पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाने के बाद आत्मदाह की कोशिश की थी। गंभीर हालत में दोनों को राममनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां युवती के साथी गाजीपुर निवासी ने दम तोड़ दिया। घटना के बाद हरकत में आई सरकार ने वाराणसी के तत्कालीन एसएसपी अमित पाठक को गाज़ियाबाद डीआईजी के पद से हटा दिया था। वाराणसी कैंट के एसओ और मामले की विवेचना कर रहे दरोगा को भी निलंबित कर दिया गया था। रेप के मामले की जांच के लिए एसआईटी भी बना दी गई है। इसमें डीजी और एडीजी स्तर के अधिकारियों को रखा गया है। दो हफ्ते में इनकी जांच रिपोर्ट आनी है। पीड़िता का साथी युवक गाजीपुर का रहने वाला था। पहले वह भी अतुल राय के साथ ही रहता था लेकिन रेप के मामले के बाद युवती को न्याय दिलाने के लिए उसके साथ आ गया। पीड़िता और उसका साथी कई बार फेसबुक लाइव कर सांसद अतुल राय, उनके समर्थकों पर सोशल मीडिया व अन्य माध्यम से लगातार धमकी देने का आरोप लगाते रहे। बीते साल नवंबर और दिसंबर में दोनों ने कई बार वीडियो जारी कर खुद को मानसिक रूप से प्रताड़ित किये जाने का आरोप लगाया था और जान देने की धमकी दी थी। यहां तक लिखा कि वाराणसी पुलिस ने उनके फोन को ब्लाक कर दिया है और उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। रेप आरोप अतुल राय से मिलकर पुलिस वाले उसका उत्पीड़न कर रहे हैं।
पूरा मामला दो साल पहले लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान शुरू हुआ। घोसी से बसपा के टिकट पर ताल ठोकने गाजीपुर के भावरकोल निवासी अतुल राय उतरे थे। चुनाव की तैयारी के दौरान ही पहली मई 2019 को युवती ने वाराणसी के लंका थाने में अतुल राय पर रेप का मुकदमा दर्ज कराया। केस दर्ज कराते ही राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी और अतुल राय भूमिगत हो गये। चुनाव के दौरान अतुल राय गायब ही रहे। चुनाव जीतते ही आत्मसमर्पण किया और कोर्ट ने जेल भेज दिया। तभी से अतुल राय जेल में बंद हैं।