नई दिल्ली
गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार द्वारा 1,000 वातानुकूलित लो फ्लोर बसों की खरीद में सीबीआई जांच का आदेश दिया है । जिसके बाद ये मामला सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य इकाई के बीच विवाद का विषय बन गया है। खरीद में बाद के स्तर पर भ्रष्टाचार के आरोपों के साथ ये मामला तूल पकड़ चुका है। आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार द्वारा 1,000 लो-फ्लोर बसों की खरीद में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के नेतृत्व में प्रारंभिक जांच करने की गृह मंत्रालय ने सिफारिश की।
भाजपा विधायक ने की थी शिकायत
बता दें दिल्ली सरकार द्वारा सीएनजी लो फ्लोर बसों की खरीद का मामले की बीजेपी के विधायक विजेंदर गुप्ता ने एलजी से शिकायत की थी। जिसके बाद ये मामला एलजी गुप्ता ने ये मामला गृह मंत्रालय को भेज दिया था। जिसके बाद गृह मंत्रालय ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए बसों की खरीद की जांच सीबीआई को सौंप दी है। इस आदेश के बाद दिल्ली सरकार द्वारा खरीदी गई लो 1,000 सीएनजी लो फ्लोर बसों की खरीद की जांच सीबीआई करेगी। जिसकी जानकारी गुरुवार को केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली के मुख्य सचिव ने दी है।
एलजी ने बस खरीद के लिए दे चुके हैं मंजूरी
बता दें दिल्ली सरकार ने अपने ऑरेंज क्लस्टर बस बेड़े में 1,000 बसों को जोड़ने की योजना बनाई है। दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) ने इस साल जनवरी में 1,000 लो-फ्लोर एसी सीएनजी बसों को खरीदने के लिए मंजूरी दी थी।उपराज्यपाल अनिल बैजल द्वारा नियुक्त एक पैनल ने बसों की निविदा और खरीद पर डीटीसी को अपनी मंजूरी दे दी थी। जिसके बाद भाजपा विधायक ने इसकी शिकायत एलजी के यहां की थी। गौरतलब है कि दिल्ली में 311 ऐसी बसें पहले से ही चल रही हैं, जबकि 89 अन्य 31 अगस्त तक आने की उम्मीद थी। बसें छह महीने में आने वाली थीं, लेकिन कोविड-19 मामलों में अभूतपूर्व वृद्धि के कारण इसमें देरी हो।