भोपाल
वर्तमान में उत्तरी ओडीशा पर एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। मानसून ट्रफ पंजाब, उत्तरप्रदेश, झारखंड, ओडिशा में बने सिस्टम से होकर बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है। इस सिस्टम के असर से मध्य प्रदेश के अधिकांश जिलों में कहीं-कहीं रुक-रुक कर बारिश भी हो रही है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक बुधवार को भोपाल, जबलपुर, शहडोल, होशंगाबाद, इंदौर संभाग के जिलों में बारिश होने की संभावना है। इस दौरान जबलपुर, शहडोल, होशंगाबाद, इंदौर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं भारी वर्षा भी हो सकती है।
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे तक होशंगाबाद में 58.9, छिंदवाड़ा में 39.2, शाजापुर में 36.4, बैतूल में 32.2, मंडला में 25, सिवनी में 22.6, जबलपुर में 18.8, मलाजखंड में 17.1, उमरिया में 16.8, खरगोन में 14, पचमढ़ी में दस, खंडवा में सात, नरसिंहपुर में छह, भोपाल में 4.4, सतना में 3.8, उज्जैन में 3.4, गुना में 2.7, धार में दो, इंदौर में 1.3, खजुराहो में 0.8 मिलीमीटर बारिश हुई। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि ओडीशा के उत्तरी भाग में बना कम दबाव का क्षेत्र गुरुवार को छत्तीसगढ़ तक पहुंचने की संभावना है। इससे मप्र के अधिकांश जिलों में तेज बौछारें पड़ने का सिलसिला शुरू होने के आसार है। यह सिस्टम शुक्रवार सुबह तक मप्र के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में सक्रिय हो सकता है। इससे प्रदेश में कहीं-कहीं भारी बारिश भी हो सकती है। शुक्ला के मुताबिक कम दबाव के क्षेत्र के अलावा पाकिस्तान पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। साथ ही एक पश्चिमी विक्षोभ भी पाकिस्तान पर सक्रिय है। इस वजह से अरब सागर से भी कुछ नमी मिल रही है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए अभी तीन-चार दिन तक बारिश का सिलसिला बना रहने की संभावना है।