नई दिल्ली
रूसी स्वास्थ्य मंत्री ने बुधवार को कहा कि, रूस के स्पुतनिक वी कोविड -19 वैक्सीन कोरोना वायरस के डेल्टा संस्करण के खिलाफ 83 प्रतिशत तक प्रभावी है। इसके अलावा, स्पुतनिक वी के डेवलपर्स ने कहा कि टीका कोरोना वायरस के सभी नए वेरिएंट्स के खिलाफ प्रभावी है। स्पुतनिक-वी कोरोना के नए स्ट्रेन के खिलाफ पर्याप्त सुरक्षा देती है। यह सुरक्षा और प्रभावकारिता के मानकों को बरकरार रखती है। रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय ने डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ स्पुतनिक-वी की प्रभावकारिता को लेकर आंकड़े प्रकाशित किए हैं। पत्रकारों से बात करते हुए रूसी स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराश्को ने कहा कि कोरोना वायरस के डेल्टा संस्करण के खिलाफ स्पुतनिक वी वैक्सीन की प्रभावकारिता लगभग 83 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि कोविड -19 के खिलाफ टीके की प्रभावकारिता 95 प्रतिशत से अधिक है। आरडीआइएफ की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह वैक्सीन 83.1 फीसद प्रभावी है और संक्रमण के जोखिम को छह गुना कम कर देता है। यही नहीं इसको लेने से अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम 18 गुना कम हो जाता है।
नवीनतम परिणामों के मुताबिक, डेल्टा स्ट्रेन से लड़ने में स्पुतनिक वी वैक्सीन रोकथाम पर सबसे प्रभावी परिणाम प्रदर्शित करता है। उसकी प्रभावकारिता लगभग 83 प्रतिशत है। बयान में यह भी कहा गया है कि अर्जेंटीना, बहरीन, हंगरी, मैक्सिको, रूस, सर्बिया, फिलीपींस और यूएई में बड़े पैमाने पर टीकाकरण के दौरान मिले आंकड़े गंभीर प्रतिकूल घटनाओं में कमी प्रदर्शित करते हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्पुतनिक वी उन गंभीर बीमारियों को रोकता है , जिनके लिए अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है। स्पुतनिक वी वैक्सीन विकसित करने वाले गमलेया नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी के निदेशक अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने कहा कि यह कोरोना वायरस के सभी नए स्ट्रेन के खिलाफ प्रभावी पाई गई है। टीका पूरी तरह से सुरक्षित और अत्यधिक प्रभावी है। यह न केवल उन स्ट्रेन के खिलाफ प्रभावी है, जिनके लिए इसे विकसित किया गया था, बल्कि हाल ही में उभरे कई स्ट्रेन के खिलाफ भी प्रभावी है और लगातार हम पर हमला कर रहे हैं।
मौजूदा वक्त में रूस की कोविड-19 रोधी वैक्सीन स्पुतनिक-वी को दुनिया के 69 देशों ने मंजूरी दी है। इन देशों की कुल जनसंख्या 3.7 अरब से अधिक यानी वैश्विक आबादी का लगभग आधा है। RDIF ने इस वैक्सीन के उत्पादन के लिए भारत, चीन, दक्षिण कोरिया, अर्जेंटीना, मैक्सिको एवं अन्य देशों के अग्रणी निर्माताओं के साथ साझेदारी की है। रूस ने इस वैक्सीन के लिए कुल 14 देशों में 20 से अधिक कंपनियों के साथ उत्पादन साझेदारी की है।