असम मेघालय सीमा विवाद: दोनों राज्यों के कैबिनेट मंत्री की अगुवाई में बनेंगी समितियां

 
गुवाहाटी

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और मेघालय में उनके समकक्ष कोनराड के संगमा ने आज गुवाहाटी में दोनों राज्यों की सीमा विवाद के मुद्दे पर बैठक की है और इसे सुलझाने के लिए क्षेत्रीय समितियां गठित करने का फैसला किया है। सीमा विवाद के मसले पर दोनों राज्यों के बीच मुख्यमंत्री स्तर पर यह दूसरी बातचीत है। मेघालय के सीएम कोनारड संगमा ने कहा है कि मेघालय की 3 समितियां और असम की 3 समितियां ऐतिहासिक तथ्यों के साथ-साथ बाकी मुद्दों पर फोकस करेंगी और 30 दिनों के अंदर रिपोर्ट सौंपेंगी। असम के मुख्यमंत्री ने कहा है कि इसके जरिए हम फिर से सीमांकन नहीं कर रहे हैं, बल्कि क्षेत्र और गांवों को लेकर धारणा बदल रहे हैं।
 
इन समितियों की अगुवाई दोनों राज्यों के कैबिनेट मंत्री करेंगे। एएनआई के मुताबिक साझा प्रेस कांफ्रेंस में दोनों सीएम ने कहा कि ये समितियां चरणबद्ध तरीके से विवादों को सुलझाने की कोशिश करेंगी। इस दौरान मेघालय के सीएम ने कहा कि 'आज की बैठक में, असम सरकार की ओर से हमें विवाद के 12 में से 6 क्षेत्रों पर विस्तार से एक प्रेजेंटेशन दी गई। दोनों राज्यों ने क्षेत्रीय समितियां बनाने का फैसला किया है, जिनकी अध्यक्षता कैबिनेट मंत्री करेंगे।' उन्होंने आगे बताया कि 'हमारे तीन ऐसे इलाके हैं, जहां इनमें से 6 विवाद शामिल हैं। मेघालय से 3 और असम से 3 समितियां ऐतिहासिक तथ्यों, जाति, प्रशासनिक सुविधा, इच्छा और निकटता पर फोकस करेंगी और 30 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देंगी।' असम के सीएम ने भी कहा कि 'सैद्धांतिक रूप में हम इन्हीं पांच पहलुओं के फ्रेमवर्क के अंदर समाधान तलाशने की कोशिश करेंगे।'
 
पहले चरण में जिन 6 विवादित जगहों को शामिल किया गया है, वे हैं- ताराबारी, गिजंग, फलिया, बाकलापारा, पिलिंगकाता, खानापारा। ये इलाके असम के कछार, कामरूप मेट्रो और कामरूप ग्रामीण जिलों में आते हैं, वहीं मेघालय की खासी पहाड़ी, री भोई और पुर्वी जयंतिया पहाड़ी क्षेत्र शामिल हैं। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि सभी समितियों में 5 सदस्य होंगे, जिनमें कैबिनेट मंत्रियों के अलावा, अधिकारी भी शामिल रहेंगे। उनके मुताबिक स्थानीय प्रतिनिधियों को भी समिति में जगह दी जा सकती है। ये सदस्य विवादित क्षेत्रों में जाएंगे, सिविल सोसाइटी के लोगों से मिलेंगे और 30 दिन के अंदर बातचीत पूरी करेंगे। असम के सीएम ने कहा है, 'इस व्यवस्था के माध्यम से, हम सीमा को फिर से नहीं बना रहे हैं, बल्कि उन क्षेत्रों या गांवों के बारे में धारणा बदल रहे हैं। यदि सीमा को फिर से तय करना आवश्यक है, तो हम संसद को इसकी सिफारिश करेंगे।'
 

बता दें कि गुरुवार को ही असम और मिजोरम के बीच एक समझौता हुआ है, जिसमें दोनों राज्य अपने सुरक्षा बलों को विवादित सीमाओं के सभी इलाकों से हटाएंगे और शांति बहाल करने की दिशा में कदम बढ़ाएंगे। यह बैठक उस अप्रिय घटनाओं के बाद हुई थी, जिसमें 6 पुलिस वाले शहीद हो गए थे और 40 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे।