टोक्यो
Tokyo 2020: India at the Olympic : भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल में जगह बना ली है. रविवार को खेले गए क्वार्टर फाइनल में टीम इंडिया ने ग्रेट ब्रिटेन को 3-1 से मात दी. जीत के हीरो भारतीय गोलकीपर पीआर श्रीजेश रहे, जिन्होंने चार बेहतरीन बचाव किए. भारत के लिए दिलप्रीत सिंह ने 7वें, गुरजंत सिंह ने 16वें और हार्दिक सिंह ने 57वें मिनट में गोल दागा. वहीं, ग्रेट ब्रिटेन की ओर से इकलौता गोल सैम वार्ड ने खेल के 45वें मिनट में किया. अब भारत का सेमीफाइनल में सामना मंगलवार को वर्ल्ड चैंपियन बेल्जियम से होगा.
भारत ओलंपिक में 49 साल बाद सेमीफाइनल में पहुंची थी. इससे पहले मॉन्ट्रियल ओलंपिक (1972) में भारतीय टीम सेमीफाइनल में पहुंची थी. हालांकि भारतीय टीम ने 1980 के मॉस्को ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता था. लेकिन उस दौरान भारत छह टीमों के पूल में दूसरे स्थान पर रहकर फाइनल का टिकट हासिल किया था.
पहले क्वार्टर में भारतीय टीम का पूरी तरह दबदबा रहा. तीसरे मिनट में ग्रेट ब्रिटेन को पेनल्टी कॉर्नर मिला, जिसे भारतीय डिफेंडरों ने नाकाम कर दिया. इसके बाद 7वें मिनट में सिमरनजीत सिंह के पास पर दिलप्रीत ने गोल कर भारत का खाता खोल दिया. फिर दूसरे क्वार्टर के पहले मिनट में गुरजंत सिंह ने मैदानी गोल कर भारत को 2-0 से आगे कर दिया. हालांकि इसके बाद भारत इस क्वार्टर में गोल नहीं कर पाई और हाफ टाइम तक यही स्कोर रहा.
तीसरे क्वार्टर में ग्रेट ब्रिटेन ने वापसी की कोशिश की. आखिरकार खेल के 45 वें मिनट में सैम वार्ड ने पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील कर ग्रेट ब्रिटेन का खाता खोला. चौथे एवं आखिरी क्वार्टर में भी ग्रेट ब्रिटेन को पेनल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन भारतीय गोलकीपर और डिफेंडरों ने शानदार प्रदर्शन कर गोल की संभावना को खत्म कर दिया. फिर खेल के 57वें मिनट में हार्दिक सिंह ने शानदार फील्ड गोल कर भारत को 3-1 की निर्णायक बढ़त दिला दी.
Sree-flex on point! 🤯#IND goalkeeper @16Sreejesh is as quick as a blink with his double save! 🥅👀#Tokyo2020 | #StrongerTogether | #UnitedByEmotion | #BestOfTokyo | @TheHockeyIndia pic.twitter.com/98CCZPdGx2
— #Tokyo2020 for India (@Tokyo2020hi) August 1, 2021
ओलंपिक में भारत को आखिरी पदक 1980 में मॉस्को में मिला था, जब वासुदेवन भास्करन की कप्तानी में टीम ने पीला तमगा जीता था. उसके बाद से भारतीय हॉकी टीम के प्रदर्शन में लगातार गिरावट आई और 1984 लॉस एंजेलिस ओलंपिक में पांचवें स्थान पर रहने के बाद वह इससे बेहतर नहीं कर सकी. लेकिन अब 41 साल बाद भारतीय टीम के पास पदक जीतने का बेहतरीन मौका है.
निराश ग्रेट ब्रिटेन के खिलाड़ी.
ग्रुप-ए में भारत को गत चैम्पियन अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, जापान, न्यूजीलैंड और स्पेन के साथ रखा गया था. वहीं ग्रुप-बी में बेल्जियम, कनाडा, जर्मनी, ब्रिटेन, नीदरलैंड और दक्षिण अफ्रीका की टीमें थीं. सभी टीमें एक-दूसरे से खेलीं और दोनों ग्रुप से शीर्ष चार टीमें सेमीफाइनल में पहुंचीं. भारत चार जीत और एक हार के साथ अपने ग्रुप में दूसरे नंबर पर रहकर क्वार्टर फाइनल में पहुंचा था.