नए बाघ की दस्तक से उड़ी वन विभाग की नींद

भोपाल
बारिश के मौसम में समरधा रेंज में एक नए बाघ की दस्तक ने वन विभाग की नींद उड़ा दी है।  गत दिवस उसने प्रेमपुरा की अमोनी बीट में गाय का शिकार किया है। वन विभाग की टीम अब  केरवा से रातापानी अभयारण्य के कॉरिडोर में  इस बाघ के पगमार्क की तलाश में लगी है। विभाग के अफसरों का अनुमान है कि यह बाघ रायसेन के जंगल से आया है। इसके आने से समरधा और वीरपुर रेंज के आसपास घूम रहे बाघों की संख्या बढ़कर 9 हो गई है।

अमूमन अभी तक समरधा रेंज में रातापानी अभयारण्य से ही बाघ आते रहे हैं। यहां पर  बाघ की सूचना की खबर के बाद ग्रामीणों में दहशत फैल गयी है।  अक्सर बाघ रातापानी सेंचुरी से निकलकर गढ़ी के जंगलों से होते हुए बेगमगंज के नजदीक पहुंच जाते हैं।

प्रदेश में बाघों की गणना वर्ष-2022 में मोबाइल ऐप पर आधारित होगी। सर्वे करने वाले वनकर्मियों को बाघों के जमीन-पेड़ों पर मारे गए खरोंच, पगमार्क, शिकार, मल की फोटो के साथ सर्वे के दौरान नजर आने वाले बाघों की फोटो डाटा शीट के साथ ऐप पर अपलोड करनी होगी। भारतीय वन्यजीन संस्थान देहरादून हर चार साल में एक बार बाघों की गणना कराता है। इस बार गणना में प्रदेश में करीब पांच हजार ट्रैपिंग कैमरे लगाए जाएंगे। वहीं पिछली गणना में 25 हजार कर्मचारियों में बाघों की गिनती की थी इस बार 30 हजार के करीब अफसर-कर्मचारी यह काम करेंगे।