भोपाल
मध्य प्रदेश में आगामी उपचुनाव और 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में युवा नेतृत्व की मांग ने फिर जोर पकड़ा है. कांग्रेस के सीनियर लीडर और विधायक लक्ष्मण सिंह ने ग्वालियर-चंबल में ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव को कम करने के लिए पूर्व मंत्री और दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह को दिए जाने की वकालत की है.
लक्ष्मण सिंह ने कहा है कि यदि पार्टी को ग्वालियर-चंबल जैसे महत्वपूर्ण संभाग में पार्टी को मजबूत बनाना है तो सिंधिया के मुकाबले जयवर्धन सिंह पार्टी का चेहरा हो सकते हैं. लक्ष्मण सिंह ने कहा कि पार्टी को मजबूत बनाने के लिए युवाओं को ज्यादा से ज्यादा मौका दिया जाना चाहिए. उन्होंने पार्टी में पहले से मौजूद चार कार्यकारी अध्यक्षों की संख्या भी छह किए जाने की वकालत की.
गौरतलब है कि, फिलहाल ग्वालियर-चंबल में पार्टी के सीनियर लीडर रामनिवास रावत पार्टी को लीड कर रहे हैं. रावत प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कार्यकारी अध्यक्ष हैं. हाल के उपचुनाव में भी रामनिवास रावत और डॉक्टर गोविंद सिंह ने ग्वालियर-चंबल इलाके में पार्टी की जिम्मेदारी संभाली थी. लेकिन अब लक्ष्मण सिंह के मुताबिक पार्टी में बदलाव होना चाहिए. वहीं, लक्ष्मण सिंह की इस बात पर बीजेपी ने तंज कसा है. पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता उमाशंकर गुप्ता ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी अब तक राष्ट्रीय अध्यक्ष तय नहीं कर पाई है. गुटों में बंटी कांग्रेस में इस तरह की बयान बाजी आम बात है. इससे बीजेपी को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है.
एमपी कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष की कमान कमलनाथ के हाथों में है. इसके अलावा 2018 के चुनाव से पहले पार्टी में चार कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किए गए थे. ग्वालियर-चंबल से रामनिवास रावत, मालवा से जीतू पटवारी, बुंदेलखंड से सुरेंद्र चौधरी और बाला बच्चन को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था. मौजूदा हालात में भी पार्टी में यही व्यवस्था लागू है. लेकिन, अब आगामी चुनाव से पहले दिग्विजय के बेटे जयवर्धन सिंह को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने की मांग उठी है. बता दें, जयवर्धन सिंह अपने क्षेत्र में लगातार लोगों से मुलाकात करते रहते हैं. सोशल मीडिया में भी काफी पॉपुलर हैं.