7 गुना ज्यादा लगी कोविशील्ड फिर भी कोवैक्सीन की शॉर्टेज

 भोपाल
राजधानी में कोवैक्सीन के फर्स्ट लगवा चुके लोगों को सेकंड डोज के लिए पिछले दस दिन से इंतजार करना पड़ रहा है। लाइनों में लगने के बाद भी कोवैक्सीन के डोज नहीं लग पा रहे हैं। इसकी वजह शार्टेज होने के चलते एक-दो सेंटरों का बनाया जाना है। गौरतलब है कि जिले में कोविशील्ड का कोवैक्सीन से सात गुना ज्यादा टीकाकरण हुआ है। बावजूद इसके  कोविशील्ड के डोज लोगों को आसानी से मिल रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग की मानें तो अभी तक जिलेभर में कोवैक्सीन के महज 2,14,404 दोनों डोज लगाए गए हैं जबकि कोविशील्ड के 15,18, 239 दोनों डोज। बावजूद इसके आगामी दिनों में होने वाले वैक्सीनेशन में कोवैक्सीन के डोज आवंटित नहीं किए गए हैं।  जिला टीकाकरण अधिकारियों की मानें तो उन्हें जो 16500 डोज आवंटित किए गए हैं वे कोविशील्ड के हैं कोवैक्सीन के डोज अभी नहीं मिले हैं। इसी का नतीजा है कि शनिवार को हुए वैक्सीनेशन में कोवैक्सीन के 250 डोज ही लगाए गए हैं।

निजी हॉस्पिटल्स स्पूतनिक-v में नहीं ले रहे दिलचस्पी
राजधानी स्थित नोबल निजी अस्पताल के अलावा प्रदेशभर में स्थित अन्य कोई निजी अस्पताल स्पूतनिक-वी के टीकाकरण में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। इसकी वजह वैक्सीनेशन सर्विस में प्रॉफिट का आभाव एवं कोल्ड स्टोरेज चेन मेंटेन रखने की जटिल समस्या है। नतीजा यह है कि नोबल अस्पताल चार दिनों में बमुश्किल से स्पूतनिक-वी के 300 फर्स्ट डोज ही लगा पाए हैं और डिमांड न होने की वजह से नए डोज का आर्डर पेंडिंग हैं।  गौरतलब है कि भोपाल सहित प्रदेशभर में निजी अस्पतालों की भरमार है वहीं,कोविड काल में भी नए अस्पतालों की बहुतायत में एंट्री हुई, लेकिन वैक्सीनेशन सर्विस से निजी अस्पताल किनारा कर रहे हैं। हालत ये है कि राजधानी के एक  अस्पताल के अलावा अन्य जिलों इसकी शुरुआत नहीं हो सकी।