रायपुर
भाजपा द्वारा सी.ए.ए., एन.आर.सी. तथा किसान विरोधी बिल को देश में बलात थोपे जाने को गैरवाजिब बताते हुए जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के मीडिया प्रमुख तथा वरिष्ठ अधिवक्ता इकबाल अहमद रिजवी ने कहा कि उपरोक्त उत्तेजक बिलों को वर्ग विशेष को हानि पहुंचाने वाला निरूपित किया है जिसे देश के शांत एवं सौहार्द्रपूर्ण माहौल को खराब करने का कुत्सित प्रयास ही कहा जाऐगा।
रिजवी ने भाजपा द्वारा महिला आरक्षण बिल संसद में प्रस्तुत करने में हीलाहवाला से स्पष्ट है कि भाजपा महिला आरक्षण की पक्षधर नहीं है। महिला आरक्षण बिल प्रस्तुत करने से सभी दलों की सहमति का भी खुलासा हो जाता। भाजपा की मातृ संस्था राष्ट्रीय स्वयं संघ की सहमति के बिना भाजपा असहाय है। संघ प्रमुख भाजपा को संसद में बिल प्रस्तुत करने निर्देशित करें। भाजपा को संघ की सहमति का इन्तजार है। संघ को महिला आरक्षण पर अपनी चुप्पी तोड?ा चाहिए।
रिजवी ने कहा है कि भाजपा एवं संघ पुरूष प्रधान दल एवं संगठन है तथा महिलाओं की रहनुमाई दोनों को पसंद नहीं है। संघ के हालिया संगठन चुनाव में किसी भी महिला का चयन नहीं किया गया। संघ में महिला विंग ही गठित नहीं किया गया है। संघ ने सार्वजनिक जीवन तथा संगठन में महिलाओं को दूर ही रखा है। इसलिए भाजपा से महिला आरक्षण बिल संसद में प्रस्तुत करने की उम्मीद रखना व्यर्थ है। देश के अन्य दलों को संसद में अशासकीय प्रस्ताव लाना चाहिए। इससे पता चल जाऐगा कि कौन-कौन से दल महिला आरक्षण के पक्षधर हैं। इससे भाजपा एवं संघ की बंधी मुठ्ठी भी खुल जाऐगी।