बातों और मेल देखकर शाखा प्रबंधक ने कर दिए दूसरे के खाते में रुपए ट्रांसफर

रायपुर। सायबर क्राईम के शहंशाहों ने इस बार अपने चुंगल में आईडीबीआई बैंक के ब्रांच मैनेजर को अपनी बातों के जाल में फांसा और खाते से रुपए निकालकर बताये खाते में रुपए ट्रांसफर कर जमा करवा दिए। बा्रंच मैनजर को इसकी जानकारी उस समय हुई जब असली खाताधारक उनकी बैंक में पहुंचा और उसने उन सब बातों से इंकार दिया जिसकी जानकारी मैनेजर द्वारा दी गई। बहरहाल ब्रांच मैनेजर ने इस डिजीटल क्राईम की रिपोर्ट सिविल लाईंस थाने में दर्ज कराई है।

आईडीबीआई बैंक के सेवा संचालक प्रबंधक रवि शेखर सिंह ने सिविल लाईंस पुलिस को बताया कि उनकी सिविल लाइंस शाखा में मेसर्स बैद स्टील प्राइवेट लिमिटेड का खाता है।जिसे मंजू बैद,सोनल बैद, संयम बैद और श्रेयांश बैद द्वारा आॅपरेट किया जाता है। 2 जुलाई को उन्हें 9871364226 नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को संयम बैद बताया। उसने कहा कि एक मेडिकल एमरजेंसी में रुपयों की जरूरत है। रुपए अस्पताल में देने हैं। उसने कहा कि आरटीजीएस के जरिए पैसे दे दें। उसने स्टाफ को भरोसे में लेने के लिए एक डिमांड लेटर बैंक की शाखा में मेल भी किया। पत्र में किए गए संयम बैद के हस्ताक्षर को खाते में हस्ताक्षर के साथ मिलाकर उसके बताए अकाउंट्स में रुपए ट्रांसफर कर दिए गए।
रुपए ट्रांसफर किए जाने के बाद बैंक में मेसर्स बैद स्टील प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक संयम बैद ने उसी दिन कॉल किया। रुपए ट्रांसफर होने की जानकारी मिलने पर उन्होंने कहा कि मैंने कोई मेल नहीं भेजा। ना ही अस्पताल की इमरजेंसी जैसी कोई बात है। संयम बैद बैंक की सिविल लाइंस ब्रांच पहुंच गए। उन्होंने ठग के नंबर पर कॉल किया। हैरानी की बात थी कि असली संयम बैद को ठग ने अपना परिचय संयम बैद के रूप में ही दिया। उसने कहा कि वो बैंक आकर मुलाकात करेगा, मगर कोई नहीं पहुंचा।

इसके बाद ब्रांच आफिसर्स ने फौरन उन बैंकों से संपर्क किया जहां ठग के कहने पर रुपए भेजे गए थे। एचडीएफसी बैंक के खाते को लॉक करवाने में टीम कामयाब रही। इसमें लगभग 19 लाख 9000 रुपए थे। बाकी के खातों से ठग ने रुपए निकाल लिए, हालांकि बैंक ने उन खातों को सीज करवाकर उनकी जानकारी पुलिस को दी है। बैंक प्रबंधन ने ये बात कबूली है कि ठग के पास बैंक खाते के विवरण, ग्राहकों की पर्सनल डीटेल जैसे मेल आईडी और हस्ताक्षर की जानकारी है।