पटना
पटना हाईकोर्ट ने राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर की बहाली के लिए जारी विज्ञापन को चुनौती देने वाली अर्जी पर सुनवाई के बाद कहा कि इस केस के अंतिम निर्णय पर बहाली निर्भर करेगा। कोर्ट ने राज्य सरकार को एक सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया है।
न्यायमूर्ति विकास जैन की एकल पीठ ने आमोद प्रबोधि की ओर से दायर याचिका पर बुधवार को सुनवाई की। कोर्ट ने बहाली पर रोक लगाने से इनकार तो किया लेकिन कहा कि किसी भी प्रकार का चयन इस याचिका के अंतिम परिणाम पर निर्भर करेगा। कोर्ट को बताया गया कि असिस्टेंट प्रोफेसर की बहाली के लिए जारी विज्ञापन संवैधानिक मैंडेट एवं सुप्रीम कोर्ट के फैसला के खिलाफ है।
इंदिरा साहनी के केस में सुप्रीम कोर्ट ने 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण नहीं देने का निर्णय दिया है। लेकिन असिस्टेंट प्रोफेसर की बहाली के लिए जारी विज्ञापन में 70 फीसदी से ज्यादा वेकैंसी को आरक्षित कर दिया गया है। राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त पदों को भरने के लिए बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग ने योग्य उम्मीदवारों से आवेदन की मांग की थी।